भारत और फ्रांस ने नए रक्षा अनुसंधान एवं विकास समझौते पर किए हस्ताक्षर, रक्षा चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान पर जोर
भारत और फ्रांस ने रक्षा अनुसंधान और विकास में सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना और रक्षा चुनौतियों के लिए नए समाधान खोजना है। यह समझौता भारत और फ्रांस के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगा।

भारत और फ्रांस के बीच रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर। (फोटो- X- @DRDO_India)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और फ्रांस के बीच रक्षा अनुसंधान एवं विकास सहयोग को और मजबूत करने के लिए, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और फ्रांस के आयुध महानिदेशालय (डीजीए) के बीच गुरुवार को एक नए तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत और फ्रांस के राष्ट्रीय आयुध निदेशक (डीजीए) लेफ्टिनेंट जनरल गेल डियाज डी तुएस्टा ने 20 नवंबर को नई दिल्ली स्थित डीआरडीओ भवन में समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य भविष्य की रक्षा चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए दोनों देशों की संयुक्त विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाना है।
इस नए समझौते के अनुसार, यह रक्षा अनुसंधान एवं विकास में कौशल और विशेषज्ञता को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त अनुसंधान, प्रशिक्षण, परीक्षण, सूचना आदान-प्रदान और विशेष कार्यशालाओं के लिए एक औपचारिक ढांचा तैयार करता है।
इस समझौते के तहत, दोनों देशों को उपकरणों, तकनीकी जानकारी और प्रौद्योगिकियों का हस्तांतरण उपलब्ध होगा। प्रमुख सहयोग क्षेत्रों में एयरोनाटिकल प्लेटफार्म, मानवरहित प्रणालियां, उन्नत रक्षा सामग्री, साइबर सुरक्षा, एआइ, अंतरिक्ष और नेविगेशन, प्रोपल्शन, सेंसर, क्वांटम तकनीक और अन्य पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्र शामिल हैं।
(समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)

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