Two plus Two Meeting: भारत-अमेरिका जल्द शुरू करेंगे विकसित होती रक्षा क्षमताओं पर वार्ता, समुद्री सुरक्षा को लेकर चर्चा
भारत और अमेरिका ने इस साल के अंत में विकसित होती रक्षा क्षमताओं पर पहली वार्ता शुरू करके रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर गुरुवार को चर्चा की। भारत-अमेरिका टू प्लस टू अंतर-सत्रीय बैठक और समुद्री सुरक्षा वार्ता के समापन पर इसकी घोषणा की गई।
नई दिल्ली, एजेंसियां: भारत और अमेरिका ने इस साल के अंत में विकसित होती रक्षा क्षमताओं पर पहली वार्ता शुरू करके रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर गुरुवार को चर्चा की। भारत-अमेरिका टू प्लस टू अंतर-सत्रीय बैठक और समुद्री सुरक्षा वार्ता के समापन पर इसकी घोषणा की गई। बुधवार को अंतर-सत्रीय बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (अमेरिका) वाणी राव और सहायक विदेश सचिव (दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों) डोनाल्ड लू व सहायक रक्षा सचिव (हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामले) एली रैटनर ने किया।
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा, ''उन्होंने अंतरिक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर जैसे रक्षा क्षेत्र में नए और उभरते क्षेत्रों सहित प्रमुख रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।'' एक अलग बयान में अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता, जान सप्पल ने कहा कि दोनों देशों के अधिकारियों ने सूचनाएं साझा करने और रक्षा औद्योगिक सहयोग पर बड़ी द्विपक्षीय पहलों के क्रियान्वयन की दिशा में प्रगति की समीक्षा भी की।
उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को हिंद-प्रशांत पर अपने दृष्टिकोण के केंद्र में बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय विदेश मंत्रायल ने अपने बयान में बताया, गुरुवार को दिल्ली में आयोजित 5वीं भारत-अमेरिका समुद्री सुरक्षा वार्ता (एमएसडी) में अधिकारियों ने वैश्विक समुद्री क्षेत्र में घटनाक्रमों, द्विपक्षीय समुद्री सहयोग प्रयासों, क्षेत्रीय सहयोग पहलों और समुद्री क्षेत्र के प्रति जागरूकता के लिए हिंद-प्रशांत साझेदारी जैसे सहयोगी प्रयासों पर चर्चा की।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और एक मुक्त, खुली व समावेशी समुद्री व्यवस्था की दिशा में सहयोग को मजबूत करने की अपनी साझा इच्छा की पुष्टि की जो सुरक्षा, समावेशी विकास और समृद्धि में मदद करेगी। सप्पल ने कहा, एमएसडी के दौरान अमेरिका और भारतीय अधिकारियों ने आस्ट्रेलिया, जापान और यूरोपीय भागीदारों सहित द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय नेटवर्क के भीतर सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।