भारत-अमेरिका मिलकर लिखेंगे 21वीं सदी का इतिहास, उपराष्ट्रपति वेंस ने बताया अमेरिका का पूरा प्लान
भारत और अमेरिका 21वीं सदी का भविष्य एक साथ लिखेंगे। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने जयपुर में अपने पहले सार्वजनिक भाषण में भारत-अमेरिका संबंधों को ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत दौरे पर आये अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने कहा है कि भारत और अमेरिका साथ मिल कर 21वीं सदी का इतिहास लिखेंगे। इस दौरे पर जयपुर इंटरनेशनल सेंटर (जयपुर) में अपना पहला सार्वजनिक भाषण देते हुए उपराष्ट्रपति वेंस ने भारत व अमेरिका के बीच रक्षा व कारोबारी संबंधों को और ज्यादा प्रगाढ़ करने की जरूरत बताई और साथ ही डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की तरफ से सहयोग को आगे बढ़ाने में हरसंभव मदद का सीधे तौर पर आश्वासन भी दिया।
द्विपक्षीय कारोबारी समझौते
उन्होंने अमेरिका को भारत का एक मित्र करार देते हुए यह भी कहा कि अमेरिका को भी इस संबंध पर गर्व है। भारत को अमेरिका की उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी देने की पेशकश भी की और भारत को अमेरिका से रक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने की सलाह भी दी। दोनों देशों के बीच वर्तमान के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यानी द्विपक्षीय कारोबारी समझौते (बीटीए) पर वेंस ने कहा कि अमेरिका एक निष्पक्ष समझौता का हिमायती है जिससे दोनों का फायदा हो।
उन्होंने घोषणा की है कि भारत व अमेरिका के बीच बीटीए के मसौदे को लेकर सहमति बन गई है।उपराष्ट्रपति वेंस चार दिवसीय दौरे पर भारत में है। सोमवार को उन्होंने अपनी पत्नी उषा वेंस व तीन बच्चों के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी।
मुलाकात में क्या रहा खास?
- मंगलवार को जयपुर में कार्यक्रम में उन्होंने सार्वजनिक भाषण दिया। इसके बाद के दो दिनों का कार्यक्रम उनका व्यक्तिगत है। वेंस ने अपने भाषण में पीएम मोदी के काम-काज की भी खूब तारीफ की और भारत की भी।
- भारत के पारंपरिक भव्य भवनों, इतिहास और परंपराओं को अनूठा बताते हुए वेंस ने यह भी कहा कि वह जिन अन्य देशों की यात्रा पर गये हैं, वहां से भारत काफी भिन्न है।
- वेंस ने कहा कि मैं यहां किसी खास को खास तरीके से करने की नसीहत देने नहीं आया हूं। पूर्व में वॉशिंगटन पीएम नरेन्द्र मोदी को नसीहत देने या कुछ शर्तों के साथ मदद करने प्रस्ताव रखता रहा है।
- उपराष्ट्रपति वेंस ने राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से पारस्परिक शुल्क लगाने के फैसले से दुनिया भर में उपजी चिंताओं पर भी अपनी सरकार की स्थिति स्पष्ट की।
वेंस ने कहा कि आलोचक कहते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कारोबारी युद्ध बाहर से नौकरियों को अमेरिका लाने के लिए लगाया है जो सच नहीं है। वह अमेरिका के भारत जैसे मित्र देशों के साथ वैश्विक कारोबार को संतुलित करना चाहते हैं ताकि साथ मिल कर भविष्य बनाया जा सके।
भारत को लेकर क्या है अमेरिका का प्लान?
उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने कहा, फरवरी 2025 में पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने इस सदी के अंत तक दोनों देशों के द्विपक्षीय कारोबार को 500 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है और वह दोनों इसको लेकर काफी गंभीर है। दोनों देशों की सरकारें काफी कठिन मेहनत कर रही हैं ताकि एक ऐसा कारोबारी समझौते किया जा सके जिससे दोनों तरफ रोजगार के अवसर बढ़ें, एक विश्वसनीय सप्लाई चेन स्थापित हो और हमारे श्रमिक संपन्न हों। सोमवार को बैठक में पीएम मोदी और मेरे बीच इनमें से काफी मुद्दों पर सहमति बनी। मैं इस बात को लेकर उत्साहित हूं कि भारत व अमरेकिा के बीच कारोबारी समझौते के मसौदे की बिंदुओं पर सहमति बन गई है।'
21वीं सदी का भविष्य
पीएम मोदी को एक विशेष व्यक्ति और गंभीर नेता कहते हुए वेंस ने कहा कि वह भारत की संपन्नता व सुरक्षा के लिए काफी सोचते हैं। अंत में वेंस ने कहा कि 21वीं सदी का एक चौथाई हिस्सा निकल गया है। अब 75 वर्ष शेष बचे हैं। 21वीं सदी का यह भविष्य भारत व अमेरिका के रिश्तों की मजबूती से तय होगा।
मजबूत होगी व्यवस्था
दोनों देश साथ साथ काम करें तो यह सदी ज्यादा संपन्न व शांतिपूर्ण होगी। चीन का नाम तो वेंस ने नहीं लिया लेकिन हिंद प्रशांत क्षेत्र की स्थिति का जिक्र किया और कहा कि अमेरिका भारत को इस क्षेत्र का सबसे मजबूत इकोनमी बनाना चाहते हैं। इससे इस क्षेत्र में स्थिरता आएगी।

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