'और यह उसकी बड़ी गलती है, ऐसे तो...', भारत आए मुत्तकी पाकिस्तान पर क्यों भड़के?
तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि वह अफगानी लोगों के हौसलों को न आजमाए। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों पर किए गए हमले की निंदा की और इसे एक बड़ी गलती बताया। मुत्तकी ने कहा कि बातचीत से ही मुद्दों को सुलझाया जा सकता है। उन्होंने अफगानिस्तान में अमन की स्थिति पर जोर दिया और महिला पत्रकारों को आमंत्रित न करने के सवाल पर सफाई दी।

आमिर खान मुत्तकी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात (तालिबान) के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने नई दिल्ली से पाकिस्तान को साफ तौर पर चेतावनी दी है कि वह अफगानी लोगों के हौसलों को आजमाने की कोशिश नहीं करे और अगर कोई शक है तो इस बारे में अमेरिका, ब्रिटेन और नाटो से पूछ लेना चाहिए।
उन्होंने यह बात शुक्रवार को भारत स्थित अफगानी दूतावास में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तब कही जब उनसे एक दिन पहले अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान सेना की तरफ से किये गये हमले के बारे में पूछा गया। विदेश मंत्री के इस बयान से पहले अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में पाकिस्तान की तरफ से कई हिस्सों में मिसाइल दागने की निंदा की गई है और इसे अफगानिस्तान की संप्रभुता पर हमला करार दिया है।
'ऐसे तो मुद्दों को नहीं सुलझाया जा सकता'
मुत्तकी गुरुवार को भारत के दौरे पर दिल्ली पहुंचे और उनके यहां पहुंचने के कुछ घंटे बाद पाकिस्तान की तरफ से अफगानिस्तान से सटे कई इलाकों पर हमला किया गया है। मुत्तकी ने कहा कि, "हमें यह पता चला है कि हमला हुआ है लेकिन कोई नुकसान की कोई खबर नहीं है। सरहदी इलाकों में स्थित हमारे दूरदराज के इलाकों में हमला हुआ है और हम उसकी भर्त्सना करते हैं और यह पाकिस्तान की एक बड़ी गलती है। इससे मुद्दे नहीं सुलझाया जा सकता। हमारे बीच बातचीत होनी चाहिए और हर देश को अपने अंदर की समस्या खुद ही सुलझाना चाहिए।"
'अफगानिस्तान में अमन से लोगों को नहीं होनी चाहिए परेशानी'
उन्होंने आगे कहा, "अफगानिस्तान को 40 वर्ष बाद अमन आया है और लोगों को इससे परेशानी नहीं होनी चाहिए। अफगानी भी इंसान हैं और मुसलमान हैं। वहां तरक्की हुई है, बेहतरी आई है। यह पूरे इलाके के लिए हित में है। इस हालात को खराब करना नहीं चाहिए। हम जैसे भारत के साथ अच्छा तालुक्कात चाहते हैं वैसा ही पाकिस्तान से चाहते हैं। लेकिन इसके लिए दोनों को काम करना होगा। अफगानियों के हौसलों को नहीं आजमाना चाहिए। उसे ज्यादा नही छेड़ना चाहिए। अगर किसी को मालूम नहीं है तो उसे अंग्रेजों से पूछना चाहिए, सोवियत संघ से, अमेरिका से और नाटो से पूछना चाहिए।''
मुत्तकी की इस प्रेस वार्ता में भारतीय महिला पत्रकारों को नहीं आमंत्रित किया गया था, जो उनकी सरकार की तरफ से महिलाओं के साथ किये जाने वाले भेद-भाव को साफ तौर पर बताता है। हालांकि मुत्तकी ने इस बात को स्वीकार नहीं किया कि अफगानिस्तान की इस्लामिक अमीरात ऐसा करती है। उन्होंने कहा कि, “ऐसा प्रोपगंडा के तहत फैलाया जा रहा है। तालिबान के आने से पहले वहां रोजाना 300-400 हत्याएं होती थी जो आज नहीं होती। अवाम खुश है। हर देश की अपनी परंपरा और रिवाज है।''
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