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    दुश्‍मनों के लिए काल है सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का नया संस्‍करण, जानें- क्‍यों बढ़ी चीन की धड़कनें

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Thu, 20 Jan 2022 05:57 PM (IST)

    भारत ने ओडिशा के चांदीपुर से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रुज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक मिसाइल है जिसको दुनिया की सबसे घातक मिसाइल माना जाता है। ये परमाणु हमला करने में भी पूरी तरह से सक्षम है।

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    ओडिशा के चांदीपुर से किया गया ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण

    नई दिल्ली (एएनआई)। भारत में उड़ीसा के चांदीपुर से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रुज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस बार जो परीक्षण किया गया है उससे ये मिसाइल तकनीकी तौर पर और अधिक मजबूत और कारगर साबित हुई है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक यह परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है। इस परीक्षण में ब्रह्मोस ने खुद को साबित भी किया है। बीते दस दिनों में भारत का ये दूसरा ब्रह्मोस मिसाइल का टेस्‍ट है। इससे पहले 11 जनवरी को भारत ने नौसेना के गुप्त तरीके से निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत से सफल टेस्ट फायर किया था।

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    आपको लिए ये जानना भी बेहद खास है कि भारत-रूस की इस मिसाइल को फिलीपींस ने खरीदने पर अपनी अंतिम मुहर लगा दी है। ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता करीब 350 से 400 किलोमीटर तक है। पिछली बार ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के समुद्र से समुद्र में प्रहार करने वाले आधुनिक संस्करण का आईएनएस विशाखापत्तनम से परीक्षण किया गया था।

    रक्षा सूत्रों के मुताबिक इस मिसाइल में नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि नियंत्रण प्रणाली सहित नई अतिरिक्त तकनीकों के साथ सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) लान्‍च पैड थर्ड से सुबह करीब 10.45 बजे परीक्षण किया गया। परीक्षण के विस्तृत आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है। आपको बता दें कि भारत ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ सामरिक महत्व के कई स्थानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात किया है। इसकी वजह से चीन की धड़कनें भी बढ़ी हुई हैं।

    आपको बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल का इससे पहले भी परीक्षण किया गया था जो सफल रहा था। ब्रह्मोस मिसाइल सुपरसोनिक मिसाइल है जो दुनिया की और सबसे घातक मिसाइलों में गिनी जाती है। यह पलक झपकते ही दुश्‍मन का खात्मा कर सकती है। ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना रफ्तार से दागी जा सकती है। भारत ने रणनीतिक महत्व वाले अनेक स्थानों पर बड़ी संख्या में मूल ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात कर रखा है।

    ब्रह्मोस मिसाइल को अब तक थल सेना, वायु और नौसेना में भी शामिल किया जा चुका है। इस को लगातार उन्नत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ये मिसाइल भारत और रूस के संयुक्‍त प्रयास का नतीजा है। इस मिसाइल की गति इसको सबसे घातक बनाती है। दुश्‍मन की निगाहों से छिपे रहकर ये अचूक वार करती है। इसकी एक बड़ी खासियत ये भी है कि दुश्‍मन के राडार इसको पकड़ नहीं सकते हैं।