आयकर विभाग ने जयललिता की पूर्व सहयोगी शशिकला की दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की
तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की सहयोगी शशिकला की कोडानाड और सिरूथवूर स्थित संपत्ति आयकर विभाग ने अटैच की। विभाग ने 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज की। करीब एक साल पहले वीके शशिकला से जुड़ी 1600 करोड़ की बेनामी संपत्ति के तहत कुर्क किया गया था।
चेन्नई, एजेंसियां। आयकर विभाग ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की सहयोगी वीके शशिकला के भतीजे वीएन सुधाकरण की करीब 11 एकड़ जमीन जब्त कर ली है। विभाग ने इसके अलावा पर्यटक स्थल ऊटी के समीप कोडनाड में शशिकला और उनके रिश्तेदारों की संपत्ति भी जब्त की है। हालांकि विभाग ने इस घटनाक्रम की पुष्टि नहीं की है।
बताया जा रहा है कि जब्त की गई संपत्ति करीब दो हजार करोड़ रुपये की है। आयकर विभाग के अनुसार, सुधाकरण की 11 एकड़ भूमि जब्त कर उसे दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित करने से रोक दिया गया है। प्रोविजनल जब्ती आदेश के अनुसार, सुधाकरण अगले आदेश तक इस भूमि को हस्तांतरित नहीं कर सकेंगे।
शशिकला, सुधाकरण और उनका एक अन्य रिश्तेदार इलावारसी भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से बेंगलुरु जेल में बंद हैं। सिरुथावूर गांव में सुधाकरण की संपत्ति जब्त करने संबंधी प्रोविजनल आदेश की प्रति जयललिता के भतीजे जे दीपक और भतीजी जे दीपा को भेज दी गई है। अगस्त में आयकर विभाग ने कहा था कि शशिकला और उनके सहयोगी की 65 संपत्तियां जब्त की गई हैं। 2017 में आयकर विभाग ने शशिकला और उनके रिश्तेदारों की 187 संपत्तियों पर छापेमारी की थी।
करीब एक साल पहले वीके शशिकला से जुड़ी 1,600 करोड़ की संपत्ति को बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम के प्रावधानों के तहत कुर्क किया गया था। आयकर विभाग ने यह जानकारी दी थी। उस समय यह आरोप लगाया गया कि वीके शशिकला ने काल्पनिक नामों का इस्तेमाल कर पुराने नोटों से यह संपत्तियां खरीदी थी।
इस मामले में वीके शशिकला के 27 जनवरी, 2021 को केंद्रीय कारागार, बेंगलुरु से रिहा होने की संभावना जताई गई, जहां वह आय से अधिक अधिक संपत्ति के मामले में सजा काट रही हैं। एक आरटीआई में बेंगलुरु के केंद्रीय कारागार के अधीक्षक की प्रतिक्रिया में इस बारे में जानकारी सामने आई थी। पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि शशिकला की रिहाई की संभावित तिथि भिन्न हो सकती है यदि वह पैरोल सुविधा का उपयोग करती है।
आरटीआइ कार्यकर्ता टी नरसिम्हा मूर्ति के आवेदन पर 11 सितंबर को जवाब दिया गया था। इसके जवाब में कहा गया था कि अगर शशिकला ने जुर्माना नहीं भरा तो रिहाई की संभावनाएं फिर 27 फरवरी 2022 को होगी। अधिकारी ने आगे कहा कि यदि शशिकला पैरोल की सुविधा का इस्तेमाल करें तो रिहाई की संभावित तारीख बदल सकती है। साथ ही कहा गया था कि 10 करोड़ रुपये का जुर्माना नहीं देने के चलते उन्हें फिलहाल और 13 महीनों तक जेल में रहना पड़ सकता है।
ज्ञात रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में 14 फरवरी 2017 को शशिकला को दोषी ठहराने को बरकरार रखा था। शीर्ष अदालत ने इस मामले में उन्हें और उनके रिश्तेदारों को चार वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। निचली अदालत ने सितंबर 2014 में उन्हें सजा सुनाई थी। इन दिनों जेल की सजा काट रही हैं। बीच में कुछ ऐसी भी खबरें आईं थीं कि उन्हें जेल में विशेष सुविधाएं मिल रही हैं। हालांकि, जेल प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।