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    कॉलेजों में छात्रों के साथ भेदभाव करना पड़ेगा 'महंगा', यूजीसी ने उठाए कड़े कदम

    छात्रों के साथ भेदभाव की घटनाएं अब उच्च शिक्षण संस्थानों को भारी पड़ेगी। दरअसल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने संस्थानों में छात्रों के बीच समानता बनाए रखने के लिए मसौदा जारी किया है। इसके लिए सुझाव मांगे गए हैं। प्रत्येक संस्थान को समान अवसर बनाने होंगे। इसके लिए समानता दस्ते गठित किए जाएंगे। नेपाली छात्रों के साथ भेदभाव की घटना के बाद यूजीसी ने ये कदम उठाए हैं।

    By Jagran News Edited By: Deepak Vyas Updated: Thu, 27 Feb 2025 08:50 PM (IST)
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    कॉलेजों में छात्रों के साथ भेदभाव करना पड़ेगा 'महंगा', यूजीसी ने उठाए कड़े कदम।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ओडिशा में नेपाली छात्रों के साथ भेदभाव की घटना के बाद सक्रिय हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों के साथ जाति, भाषा, लिंग, क्षेत्र व धर्म आदि के आधार पर होने वाले भेदभाव को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए है। भेदभाव की घटनाएं अब उच्च शिक्षण संस्थानों को भारी पड़ेगी।

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    उन्हें डिग्री कार्यक्रमों के संचालन सहित वित्तीय मदद और यूजीसी की योजनाओं आदि से प्रतिबंधित किया जा सकता है। यूजीसी ने छात्रों के साथ ही भेदभाव का घटनाओं को रोकने के लिए जो मसौदा जारी किया है, उसमें देश भर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने यहां एक समान अवसर केंद्र स्थापित करने होंगे।जिसके अध्यक्ष संस्थान के प्रमुख होंगे।

    साथ ही इस केंद्र में संस्थान के चार वरिष्ठ प्रोफेसर, सिविल सोसाइटी के दो प्रतिनिधि, छात्रों के बीच से दो प्रतिनिधि भी होंगे। केंद्र को संचालित करने वाली इस कमेटी में एक महिला सदस्य और एससी और एसटी वर्ग के एक-एक प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रहेंगे।

    क्या काम करेगी कमेटी?

    यह कमेटी समान अवसर केंद्र के जरिए संस्थान में समानता के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी। इसके साथ प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थान को एक समानता दस्ता भी गठित करना होगा। जो संस्थान में लगातार घूमता-फिरता रहेगा। और छात्रों के भेदभाव की किसी तरह की घटना पर नजर रखेगा।

    छात्रों के बीच समानता को बढ़ावा देने पर जोर

    यूजीसी ने मसौदे को लेकर छात्रों, अभिभावकों व संस्थानों से राय देने को कहा है। मसौदे के मुताबिक छात्रों के बीच समानता को बनाए रखने के लिए संस्थान के प्रत्येक यूनिट, विभाग, छात्रावास व पुस्तकालयों आदि में भी एक समानता दूत की तैनाती देगा। जो छात्रों के बीच लगातार समानता को बढ़ावा देने का काम करेगा।

    भेदभाव की घटना पर दर्ज करा सकेंगे शिकायत

    किसी तरह की भेदभाव की घटनाओं पर छात्र समानता दस्ते के पास अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकेगा। जिसकी जांच कर दस्ता अपनी रिपोर्ट समान अवसर केंद्र से जुड़ी समिति को देगा। जो इस पर नियमों के मुताबिक कार्रवाई करेगी।

    लोकपाल के पास भी जा सकेंगे छात्र

    साथ ही शिकायतकर्ता छात्र को उस कार्रवाई से अवगत कराएगी। कार्रवाई से सहमत न होने पर छात्र इसे संस्थानों में नियुक्ति होने वाले लोकपाल के पास भी ले जा सकेगा। यही नहीं शिकायत गलत पायी जाने पर छात्रों के खिलाफ जुर्माना या दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।