Karnataka Acid Attack : कर्नाटक में एसिड अटैक की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरकार ने और सख्त कानून बनाने के दिए संकेत
मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए वह कानूनी विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करेंगे। बता दें कि शहर के सरक्की में शुक्र ...और पढ़ें

हुबली, प्रेट्र। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दो महीने के भीतर महिलाओं पर तेजाब हमले की दो घटनाएं सामने आने के बाद शनिवार को कहा कि अपराधियों से निपटने के लिए और कड़े कानून बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हम एसिड हमलों में शामिल लोगों से निपटने के लिए मौजूदा कानूनों को और मजबूत करने पर विचार कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए वह कानूनी विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करेंगे। बता दें कि शहर के सरक्की में शुक्रवार को शादी का प्रस्ताव ठुकराने पर एक व्यक्ति ने तलाकशुदा महिला व उसके तीन बच्चों पर तेजाब फेंक दिया था।

इससे चारों झुलस गए थे। करीब दो महीने पहले भी एक महिला एसिड अटैक में गंभीर रूप से झुलस गई थी। एक व्यक्ति उसे कई महीने से तंग कर रहा था। जब उसने शादी से इन्कार किया तो आरोपित ने उस पर तेजाब फेंक दिया था।
जानिए एसिड अटैक मामले में क्या है कानून
ऐसिड अटैक के मामले में पहले आईपीसी में अलग से कोई प्रावधान नहीं था और आईपीसी की धारा-326 (गंभीर रूप से जख्मी करना) के तहत ही केस दर्ज किया जाता था। दोषी पाए जाने पर 10 साल तक कैद या फिर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान था।
जस्टिस जे. एस. वर्मा कमिशन की सिफारिशों के मद्देनजर सरकार ने आईपीसी में नए कानूनी प्रावधान किए और इसी के तहत आईपीसी की धारा-326 ए और 326 बी अस्तित्व में आया था।
आईपीसी धारा 326 ए
इसके तहत किसी व्यक्ति ने अगर जानबूझकर अन्य व्यक्ति पर तेजाब फेंका और स्थाई या आंशिक रूप में नुकसान पहुंचाया तो इसे गंभीर जुर्म माना जाएगा। अपराध गैरजमानती होगा। दोषी को कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्रकैद हो सकती है। यह भी प्रावधान है कि दोषी पर उचित जुर्माना होगा और यह रकम पीड़िता को दिया जाएगा।
आईपीसी धारा 326 बी
बता दें इस धारा का संबंध एसिड अटैक के प्रयास से है। इस कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति ने अगर किसी दूसरे व्यक्ति पर तेजाब फेंकने का प्रयास किया है तो यह एक संगीन अपराध है। यह अपराध भी गैरजमानती है। इसके लिए दोषी को कम से कम पांच साल तक की सजा हो सकती है। दोषी को जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

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