इस शहर में कन्यादान योजना के लाभ के लिए दूल्हे को देनी होती है शौचालय की फोटो
यह ऐसा शहर है जहां कन्यादान विवाह अथवा निकाह योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले 51 हजार रुपये लेने के लिए दूल्हे को शौचालय की फोटो उपलब्ध करानी पड़ती है।
भोपाल, जेएनएन। भोपाल में कन्यादान विवाह अथवा निकाह योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले 51 हजार रुपये लेने के लिए दूल्हे को अपने घर पर बने शौचालय की फोटो उपलब्ध करानी पड़ती है। यह फोटो उसे शौचालय के सामने खड़े होकर खिंचवानी पड़ती है। इसे उपलब्ध कराने के बाद ही सामूहिक विवाह योजना में उसे शामिल किया जाता है।
भोपाल नगर निगम ने यह व्यवस्था बिना किसी आदेश के लागू की है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि शहर को ओडीएफ मुक्त किया गया है। कन्या जिस घर में जा रही है, वहां शौचालय है अथवा नहीं, इसे फोटो से सुनिश्चित किया जाता है। हालांकि इस व्यवस्था में बड़ी खामी यह है कि वर पक्ष के घर में शौचालय है अथवा नहीं, इसका भौतिक सत्यापन नहीं किया जा रहा है।
दोगुनी हुई सहायता राशि
अधिकारियों के मुताबिक, फोटो से यह भी स्पष्ट नहीं होता कि फोटो किस घर के शौचालय का है। फिर भी यह व्यवस्था पिछले साल से लागू है। बता दें कि पिछले साल 18 स्थानों पर सामूहिक सम्मेलन किए गए। इनमें 782 विवाह और 533 निकाह कराए गए। यानी कुल 1315 जोड़ों को लाभ दिया गया। बता दें कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना 2011 में शुरू की गई थी। पहले वधू पक्ष को सरकार की ओर से 25 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती थी। अब कांग्रेस सरकार ने इसे बढ़कार 51 हजार रुपये कर दिया है।
अधिकारी बोले, फोटो अनिवार्य नहीं
नगर निगम में सामूहिक विवाह व निकाह योजना का काम देख रहीं सामाजिक न्याय विभाग की सामाजिक सुरक्षा अधिकारी साजिया खान का कहना है कि 2013 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह व्यवस्था लागू की गई थी कि वर पक्ष के घर शौचालय होना चाहिए। इसके लिए फोटो लिए जाते थे। अब शहर ओडीएफ हो चुका है, ऐसे में फोटो की अनिवार्यता नहीं है। शौचालय की जानकारी वार्ड प्रभारी अपने स्तर पर प्रमाणित कर सकते हैं।