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दूसरी लहर में 95 फीसद मरीज ठीक होकर भी बेदम, दिख रहा घातक प्रभाव, 30 फीसद का हाजमा खराब

Corona Second Wave पोस्ट कोविड मरीजों में पहली लहर की तुलना में दूसरी में स्वास्थ्यगत समस्याएं अधिक सामने आ रही हैं। 95 फीसद मरीजों में टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी कमजोरी और सांस की दिक्कतें हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 09:07 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 11:31 PM (IST)
दूसरी लहर में 95 फीसद मरीज ठीक होकर भी बेदम, दिख रहा घातक प्रभाव, 30 फीसद का हाजमा खराब
पोस्ट कोविड मरीजों में पहली लहर की तुलना में दूसरी में स्वास्थ्यगत समस्याएं अधिक सामने आ रही हैं।

आकाश शुक्ला, रायपुर। पोस्ट कोविड मरीजों में पहली लहर की तुलना में दूसरी में स्वास्थ्यगत समस्याएं अधिक सामने आ रही हैं। 95 फीसद मरीजों में टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी कमजोरी और सांस की दिक्कतें हैं। पहली लहर में जहां कम लक्षण वाले मरीज 10 से 15 दिनों में पूरी तरह स्वस्थ हो जाते थे, वहीं दूसरी लहर में ऐसे मरीजों को स्वस्थ होने में 25 से 30 दिनों का समय लग रहा है। दो महीने बार भी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो रहे हैं।

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सामने आ रही ये परेशानियां

सिर दर्द, सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों की समस्या, मानसिक तनाव, हाजमा खराब जैसी शिकायतें लेकर लोग अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। एम्स रायपुर और आंबेडकर अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों में 30 फीसद खाना नहीं पचने की समस्या बता रहे हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने विभागीय अधिकारियों को पोस्ट कोडिट सेंटर स्थापित करने की योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

चिकित्सकीय सुविधाओं की समीक्षा

दिन प्रति दिन बढ़ रहे मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए मौजूदा चिकित्सकीय सुविधाओं की समीक्षा भी की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मरीजों में मनोवैज्ञानिक परेशानी काफी ज्यादा है। इसके लिए अलग डेस्क स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा ब्लड क्लाटिंग, ब्लैक फंगस, दवाओं के प्रयोग के कारण शुगर और शरीर में अन्य कई समस्याएं सामने आ रही हैं।

बुकलेट भी तैयार

इसे ध्यान में रखते हुए पोस्ट कोविड मरीजों के लिए केंद्र स्थापित करने के साथ उनके मार्गदर्शन के लिए डॉक्टरों द्वारा बुकलेट भी तैयार कराया जा रहा है ताकि चिकित्सकीय मार्गदर्शन में मरीज स्वयं भी सांस और मांसपेशियों में तनाव आदि समस्याओं से उबरने लिए व्यायाम कर सकें। 95 फीसद मरीजों के फेफड़ों में 50 फीसद से अधिक संक्रमण चिकित्सकों के अनुसार दूसरी लहर का कोरोना स्ट्रेन अधिक शक्तिशाली है।

फेफड़ों में 50 फीसद से ज्‍यादा संक्रमण

कोरोना निगेटिव हो चुके 90 से 95 फीसद मरीजों के फेफड़ों में 50 फीसद से अधिक संक्रमण हुआा। बीमारी ने शरीर के अन्य हिस्सों और शारीरिक क्रियाओं को प्रभावित भी किया है। राजधानी रायपुर के अस्पतालों में ही प्रतिदिन औसतन दो हजार से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। एम्स में कोरोना के नोडल अधिकारी डा. अजॉय बेहरा के अनुसार पोस्ट कोविड मरीजों में गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं।

मरीजों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी

आंबेडकर अस्पताल के छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. रोशन सिंह राठौर का आकलन है कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद मरीजों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी होगी। अभी बहुत से मरीज लॉकडाउन के कारण अस्पतालों में नहीं आ रहे हैं। श्रीबालाजी अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. दीपक जायसवाल के अनुसार संक्रमण के बाद तरह तरह की बीमारियां उभर रही हैं। फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. केबी सिंधु के अनुसार कोरोना से स्वस्थ होने के बाद भी हड्डियों और मांसपेशियों की समस्या सामने आ रही है।

पोस्ट कोविड सेंटर बनाने की योजना

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि पोस्ट कोविड के मरीजों के लिए अस्पतालों में इलाज और काउंसलिंग की व्यवस्था पर्याप्त है। मरीज बढ़ रहे हैं, इसे देखते हुए पोस्ट कोविड सेंटर बनाने की योजना है। इसके लिए मैंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं।

बड़ी संख्या में पहुंच रहे मरीज

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के अध्‍यक्ष डॉ. महेश सिन्हा ने कहा कि अस्पतालों में बड़ी संख्या में पोस्ट कोविड मरीज पहुंच रहे हैं। इसके लिए पोस्ट कोविड सेंटर तैयार किए जाने की जरूरत है। परिस्थितियों को देखते हुए हमने शासन स्तर पर भी बात की है। इलाज के लिए सरकार को जल्द से जल्द बेहतर योजना बनानी होगी ताकि ऐसे मरीजों को समय से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।


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