Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ISRO ने एलन मस्क से मिलाया हाथ, पहली बार स्पेस एक्स के रॉकेट से लॉन्च करेगा संचार उपग्रह जीसैट-20

    By Agency Edited By: Anurag Gupta
    Updated: Wed, 03 Jan 2024 11:46 PM (IST)

    अरबपति कारोबारी एलन मस्क के साथ पहली बार साझेदारी करते हुए भारत उनकी कंपनी स्पेस एक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिये अपना संचार उपग्रह जीसैट-20 लॉन्च करेगा। इसरो का हेवी सेटेलाइट लॉन्च रॉकेट जीएसएलवी-एमके3 चार हजार किलोग्राम के पेलोड को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर आर्बिट में स्थापित करने में सक्षम है। यही वजह है कि इसरो स्पेस एक्स के फाल्कन-9 की सेवाएं ले रहा है।

    Hero Image
    ISRO ने एलन मस्क से मिलाया हाथ (फाइल फोटो)

    रायटर, नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी एलन मस्क के साथ पहली बार साझेदारी करते हुए भारत उनकी कंपनी स्पेस एक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिये अपना संचार उपग्रह जीसैट-20 (नया नाम जीसैट-एन2) लॉन्च करेगा। यह उपग्रह इस वर्ष की दूसरी तिमाही में लॉन्च करने की योजना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि उच्च क्षमता वाले इस उपग्रह का उद्देश्य भारत के ब्राडबैंड कम्युनिकेशन को बढ़ावा देना है, खासकर देश के दूरदराज एवं ब्राडबैंड से बिना जुड़े इलाकों में। इस उपग्रह का वजन 4,700 किलोग्राम है, जो इसरो की वर्तमान उच्चतम अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण क्षमता 4,000 किलोग्राम से अधिक है।

    एनएसआईएल ने बताया कि 48 गीगाबिट्स प्रति सेकेंड (GBPS) की क्षमता वाले हाई थ्रूपुट सेटेलाइट (HTS) जीसैट-20 का पूर्ण स्वामित्व उसके पास होगा और वह ही इसका संचालन एवं वित्तपोषण करेगी। केए-बैंड का यह उपग्रह उच्च गति वाली ब्राडबैंड कनेक्टिविटी एवं डिजिटल वीडियो व आडियो ट्रांसमिशन प्रदान करने में सक्षम है। इसकी कवरेज अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप समेत पूरे भारत में होगी।

    यह भी पढ़ें: तारों की अनसुलझी गुत्थियों को सुलझाने में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा एक्सपोसैट, जल्द आएंगे नतीजे

    उल्लेखनीय है कि एनएसआईएल ने जून, 2022 में अपना पहला मांग आधारित सेटेलाइट मिशन जीसैट-24 लॉन्च किया था।

    8,300 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है फाल्कन-9

    इसरो का हेवी सेटेलाइट लॉन्च रॉकेट जीएसएलवी-एमके3 चार हजार किलोग्राम के पेलोड को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर आर्बिट (GTO) में स्थापित करने में सक्षम है। यही वजह है कि इसरो स्पेस एक्स के फाल्कन-9 की सेवाएं ले रहा है।

    यह भी पढ़ें: आदित्य-एल1 और गगनयान की तैयारी का वर्ष होगा 2024, ISRO प्रमुख ने बताया 12 मिशनों का लक्ष्य 

    फाल्कन-9 जीटीओ में 8,300 किलोग्राम के पेलोड को स्थापित करने में सक्षम है। अभी तक इसरो भारी उपग्रहों के लिए फ्रांस की कंपनी एरियनस्पेस की सेवाएं ले रहा था। हालांकि, इसरो अपना नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकल (NGLB) भी विकसित कर रहा है जिसकी क्षमता 10 हजार किलोग्राम के पेलोड को जीटीओ में स्थापित करने की होगी।