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    विदेश में पढ़ाई वालों के लिए जरूरी खबर, घूमना भी होगा महंगा; पूरी डिटेल

    By Rajeev KumarEdited By: Deepak Gupta
    Updated: Wed, 03 Dec 2025 08:30 PM (IST)

    विदेश में पढ़ाई करने की योजना बना रहे छात्रों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। वैश्विक महंगाई के कारण विदेश में घूमना भी महंगा हो जाएगा, जिससे छात्रों पर अति ...और पढ़ें

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    विदेश में पढ़ाई से लेकर घूमने तक, सब हो जाएगा महंगा। (फाइल)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपए में हो रही लगातार गिरावट का असर विदेश में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता की जेब पर दिखने लगा है। वहीं, रुपए के कमजोर होने से विदेश में घूमना-फिरना भी पहले की तुलना में महंगा साबित हो रहा है। क्योंकि डॉलर या यूरो लेने के लिए अब पहले की तुलना में अधिक रुपए देने पड़ रहे हैं।

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    जानकारों का कहना है कि रुपए में इस प्रकार से गिरावट का दौर जारी रहा तो आने वाले समय में कई इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं भी महंगी हो सकती है। क्योंकि इन वस्तुओं के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कई कच्चे माल के लिए हम अब भी आयात पर निर्भर है और रुपये में कमजोरी से आयात के लिए पहले की तुलना में अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी जिससे वस्तुओं की लागत पर असर पड़ेगा।

    पिछले एक साल में डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में छह रुपए की गिरावट आई है। पिछले साल तीन दिसंबर को एक डॉलर का मूल्य 84.68 रुपए था जो बुधवार की शाम को 90.19 रुपए बताया गया। विदेश में पढ़ाने वाले बच्चों के माता-पिता ने बताया कि अपने बच्चों को पैसा भेजना अब पिछले साल की तुलना में सात- आठ प्रतिशत तक महंगा साबित हो रहा है। 7.5 लाख से अधिक भारतीय बच्चे विदेश में शिक्षा ले रहे हैं जिन्हें नियमित रूप से भारत से पैसे भेजे जाते हैं।

    इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले अधिकतर कच्चे माल अभी आयात होते हैं। पिछले साल की तुलना में रुपए के कमजोर होने से आयात मूल्य भी लगातार बढ़ रहा है जिससे आने वाले समय में मोबाइल फोन से लेकर अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं महंगी हो सकती है। निर्माता कंपनी एक सीमा तक ही बढ़ी हुई लागत को बर्दाश्त कर सकती है। रुपए में लगातार गिरावट को देखते हुए शेयर बाजार से विदेशी संस्थागत निवेश की भी निकासी बढ़ गई है।

    मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं

    इन सबसे बीच सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपए में हो रही गिरावट से भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा असर पड़ने की कोई आशंका नहीं है। औद्योगिक संगठन सीआइआइ के एक कार्यक्रम के बाद बुधवार को नागेश्वरन ने कहा कि रुपए में गिरावट से निर्यात या महंगाई कुछ भी प्रभावित नहीं हो रहा है।

    जानकार रुपए में गिरावट के लिए वैश्विक परिस्थिति खासकर अमेरिका के साथ भारत के व्यापार समझौते में देरी को जिम्मेदार बता रहे हैं। जानकारों का कहना है कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौता होते ही भारतीय रुपए में मजबूती का रुख दिखने लगेगा। वैश्विक रूप से आर्थिक उथल-पुथल के कारण रुपए में गिरावट हो रही है। हालांकि एशिया क्षेत्र में पिछले एक साल में डॉलर के मुकाबले सबसे अधिक गिरावट भारतीय करेंसी में ही देखी गई है।