Importance of Seat Belts: छोटी सी लापरवाही से चली जाती है हजारों जानें, सीट बेल्ट न लगाने के अजीब तर्क
Importance of Seat Belts सरकार ने कानून बनाकर सीट बल्ट लगाना अनिवार्य भी किया है लेकिन लोग बिना सीट बेल्ट के चल पड़ते है। पिछली सीट पर बेल्ट लगाने के मामले में स्थिति और भी खराब है। फिर भी सीट बेल्ट न लगाने के लोगो अजीब तर्क दे रहे हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। किसी भी कार में सीट बेल्ट लगाना उतना ही जरूरी है, जितना किसी बाइक सवार के लिए हेलमेट पहनना। सरकार ने कानून बनाकर सीट बल्ट लगाना अनिवार्य भी किया है, लेकिन लोग बिना सीट बेल्ट के चल पड़ते है। पिछली सीट पर बेल्ट लगाने के मामले में स्थिति और भी खराब है। 90 फीसद से ज्यादा लोग पिछली सीट पर बेल्ट नहीं लगाते है।
सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री और उनके मित्र जहांगीर पेंडोला की मौत ने इस चर्चा को फिर बल दिया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कार की पिछली सीट पर बैठे मिस्त्री और पेंडोला ने बेल्ट नहीं लगाई थी औऱ यही उनके लिए जानलेवा साबित हुआ। पिछली सदी के छठे दशक में वोल्वो ने सीट बेल्ट का पेटेंट कराया था, हालांकि कंपनी ने एकाधिकार स्थापित करने के बजाय इस तकनीक को सभी कंपनियों के लिए सुलभ कराया। इसके बाद भी बहुत से लोग कार में सीट बेल्ट नहीं लगाते है। इसके लिए लोगों का तर्क भी बड़ा अजीब है।
लोगों की जान बच सकती है रियर सीट बेल्ट से
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि पिछली सीट पर यदि लोग सीट बेल्ट लगाने के प्रविधान का पालन करे तो सड़क हादसं में जान गंवाने वालों की संख्या 25 प्रतिशत तक कम हो सकती है। एक अहम बात यह भी है कि पिछली सीट पर बेल्ट नहीं लगाने वाले लोग कई बार आगे की सीट पर बैठे लोगों के लिए भी खतरा बन जाते है। कई मामले ऐसे देखे गए है, जिसमें दुर्घटना की स्थिति में पीछे बैठी सवारी का उछलकर आगे आ जाना आगे बैठे लोगों की मौत का कारण बन जाते है।
सीट बेल्ट को लेकर जानिए क्या है फैक्ट
- पिछली सीट पर बेल्ट न लगाने पर 1000 रुपये का प्रावधान।
- एक सर्वेक्षण के मुताबिक मात्र 27 प्रतिशत लोग ही सीट बेस्ट से संबंधित कानून के बारे में जानते हैं।
- मात्र 7 प्रतिशत लोग ही पिछली सीट पर बैठे होने पर सीट बेल्ट लगाते हैं।
- 2020 में 15146 लोगों की मौत सीट बेल्ट न लगाने के कारण हुई थी।
- 7810 लोगों की मौत ड्राइवर सीट पर बेल्ट न लगाने के कारण हुई।
- 7336 लोगों की मौत पैसेंजर सीट पर बैठने के दौरान बेल्ट न लगाने से हुई।
कानून तो बना, लेकिन जानकारी और पालन नहीं
कार की अगली सीट पर बेल्ट नहीं लगाने पर चालान की जानकारी हम सभी को है, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते है कि पिछली सीट पर भी बेल्ट लगाना अनिवार्य है। सेंट्रल मोटर व्हीकल रुल्स में इस संबंध में प्रविधान किया गया है। हालांकि इस बारे में जागरुकता की कमी है। सड़क सुरक्षा की दिशा में काम करने वाले एनजीओ सेवलाइफ के सर्वेक्षण में सामने आया था कि मात्र 7 प्रतिशत लोग ही पिछली सीट पर बेल्ट लगाते है। इस मामले में जागरुकता ने होना भी है। बमुश्किल ही कहीं पिछली सीट पर बेल्ट न लगाने के कारण चालान का कोई मामला देखा जाता है। चालान नहीं कटने के कारण कानून जाजने वाले भी बहुत से लोग लापरवाही करते है।
सीट बेल्ट न लगाने के अजीब तर्क
2017 में मारुति ने एक सर्वे किया था, जिसमें सीट बेल्ट न लगाने को लेकर लोगों ने अजीब कारण गिनाए थे। 17 बड़े शहरों में सर्वे हुआ था। मात्र 25 प्रतिशत लोग ही थे, जो नियमित तौर पर सीट बेल्ट लगाते थे।
- 32 प्रतिशत लोगों का मानना है कि चालान नहीं होता इसलिए सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं।
- 27 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सीट बेल्ट लगाने से छवि खराब होती है।
- 25 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इससे कपड़े खराब हो जाते हैं।
- 23 प्रतिशत लोग मानते ही नहीं कि सीट बेल्ट से कोई सुरक्षा मिलती है।
एयरबैग खुलने के लिए भी बेल्ट लगाा बहुत जरुरी
दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा के लिए गाड़ियों में एयरबैग की व्यवस्था की जाती है। टक्कर होते ही एयरबैग खुल जाते हैं, जिससे कार सवार लोग सामने टकराने से बच जाते हैं। हालांकि महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि कार में बैठे व्यक्ति ने सीट बेल्ट न लगाई हो, तो एयरबैग नहीं खुलता है। सीट बेल्ट को कार में प्राइमरी सेफ्टी फीचर और एयरबैग को सेकेंडरी फीचर माना जाता है। एयरबैग को लेकर सरकार नए प्रविधान करने जा रही है, जिससे सभी कारों में अधिकतम संभव एयरबैग सुनिश्चित किए जाएंगे।
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