काढ़ा के कप में काली मिर्च, लौंग और इलायची की कीमतों में भी भारी उछाल
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बनाए जाने वाले काढ़ा के कप में गर्म मसालों ने उबाल ला दिया है। काली मिर्च के भाव में सर्वाधिक 33 फीसद की तेजी है। मार्च में 180 रुपये किलो बिकने वाली काली मिर्च कोरोना से लाल होकर 240 रुपये के भाव पर पहुंच गई है।
बिलासपुर, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस से बचाने के लिए इम्युनिटी बढ़ाने के लिए तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। इसके लिए बनाए जाने वाले काढ़ा के कप में गर्म मसालों ने उबाल ला दिया है। काली मिर्च के भाव में सर्वाधिक 33 फीसद की तेजी है।
मार्च महीने में 180 रुपये किलो बिकने वाली काली मिर्च कोरोना से लाल होकर 240 रुपये के भाव पर पहुंच गई है। इसी तरह 2300 रुपये किलो बिकने वाली हरी इलायची अभी 3,000 रुपये प्रतिकिलो मिल रही है। इलायची की कीमत में 30 फीसद, हल्दी 25 फीसद, लौंग 15 फीसद, अजवाइन 21 फीसद और दालचीनी 18 प्रतिशत वृद्घि हुई है।
कोरोना से बचाव के लिए आयुर्वेदिक काढ़े को लोग नियमित दिनचर्या में शामिल कर रहे हैं। कोरोना महामारी से बचाव के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को आयुर्वेदिक काढ़े का सेवन बढ़ा है। इसमें इस्तेमाल होने वाले सौंठ, काली मिर्च, लौंग व दालचीनी के दामों में लाकडाउन के मुकाबले अब तेजी दर्ज की गई है। अधिकांश घरों में काढ़े का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे मसालों की खपत में जहां 30 से 40 फीसद वृद्धि दर्ज की जा रही है। वहीं, दाम में करीब 20 फीसद बढ़ोतरी हुई है।
मुख्य रूप से भारत अमेरिका और यूरोप के देशों को मसाले का निर्यात करता है, लेकिन कोरोना काल में बांग्लादेश, मोरक्को, इरान, मलेशिया और चीन जैसे देशों से भी भारतीय मसाले की मांग आ रही है। भारत के गर्म मसाले के साथ अन्य मसाले का भी निर्यात किया जाता है। मुख्य रूप से अदरक, हल्दी, धनिया, जीरा, तेजपत्ता, लहसून, मिर्च, लौंग, करी पाउडर जैसे मसाले निर्यात किए जाते हैं।
अदरक के निर्यात में 176 फीसद की बढ़ोतरी
विदेश में भारतीय अदरक की बढ़ती मांग का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2019-20 में अदरक के निर्यात में वित्त वर्ष 2018-19 के मुकाबले 176 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
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