'तुरंत एक्शन की जरूरत...' डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, CBI को दिए कड़े निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए सीबीआई को जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने आरबीआई को नोटिस जारी कर पूछा है कि ऐसे मामलों में AI आधारित तकनीक का इस्तेमाल कब तक किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को सिम कार्ड के गलत इस्तेमाल पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट की डिजिटल अरेस्ट पर चिंता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को डिजिटल अरेस्ट से जुड़े बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इन मामलों से जुड़े केस की जांच सीबीआई करेगी। कोर्ट ने कहा, 'बीते कुछ महीनों से देशभर में डिजिटल अरेस्ट से जुड़े मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है। ये काफी चिंताजनक है।'
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि CBI को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PCA) के तहत बैंकरों की भूमिका की जांच करने की आजादी दी गई है, जहां इससे जुड़े बैंक अकाउंट खोले गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की डिजिटल अरेस्ट पर चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट की बढती घटनाओं पर स्वतः संज्ञान के मामले मे रिजर्व बैंक ( RBI ) को पक्षकार बनाते हुए नोटिस भी जारी किया है।
इस पूरे मामले में SC ने रिजर्व बैंक से कोर्ट की मदद करने को कहा है। टॉप कोर्ट ने RBI से ये भी पुछा कि ऐसे अकाउंट की पहचान और इस तरह के क्राइम की कमाई को फ्रीज करने के लिए AI आधारित मशीन लर्निंग जैसी तकनीक कब तक लागू की जाएगी?
सीबीआई को जांच के सख्त निर्देश
कोर्ट ने ये भी कहा कि IT इंटरमीडियरी रूल्स 2021 के तहत सभी अथॉरिटीज CBI को इस मामले में पूरी मदद करेगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि जिन राज्यों ने मामले की जांच के लिए सीबीआई को सहयोग नहीं दिया है वे तुरंत ऐसा करें ताकि बड़े स्तर पर मामले की जांच की जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जरूरत पड़ने पर सीबीआई इंटरपोल से भी मदद मांगेगी। इसके साथ ही टॉप कोर्ट ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को भी निर्देश दिया है कि वे SIM कार्ड के गलत इस्तेमाल करने वालों पर कड़ी नजर रखें।

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