Monsoon in India: कैसे होती है मानसून की एंट्री? बारिश मानसून की है, प्री या पोस्ट की? पढ़ें हर सवाल का जवाब
Monsoon in India News भारत में केरल के रास्ते मानसून दस्तक दे चुका है। मानसून के पहुंचने के साथ ही देशभर में बारिश के आसार बनने लगे हैं। वहीं केरल सहित दक्षिणी राज्यों में बारिश शुरू हो चुकी है।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Monsoon in India: भारत में केरल के रास्ते मानसून दस्तक दे चुका है। मानसून के पहुंचने के साथ ही देशभर में बारिश के आसार बनने लगे हैं। वहीं, केरल सहित दक्षिणी राज्यों में बारिश शुरू हो चुकी है। इस साल मानसून सामान्य समय से करीब एक सप्ताह की देरी से भारत पहुंचा है।
क्या होता है मानसून?
मानसून शब्द का जन्म अरबी भाषा मौसिम से हुआ है। इस शब्द की उत्पत्ति अरब के समुद्री व्यापारियों ने की थी। समुद्री व्यापारी समुद्र से चलने वाली हवा को मौसिम कहते थे, जिसे बाद में मानसून के रूप में जाना जाने लगा। आम भाषा में मानसून ऐसी हवाएं हैं, जो मौसम के अनुरूप दिशा बदलती है। मानसून वह हवा है, जो बारिश कराती है। मानसून के आने से बारिश शुरू होती है।
भारत में कब आता है मानसून?
भारत में मानूसन सबसे पहले केरल पहुंचता है। आमतौर पर इसके केरल पहुंचने की तिथि एक जून तक की होती है। हालांकि, इसमें एक-दो सप्ताह की देरी भी देखी गई है। भारत में हिन्द महासागर और अरब सागर की ओर से दक्षिण-पश्चिम तट पर मानसून सबसे पहले पहुंचता है। इसके बाद मानसूनी हवाएं देश के दक्षिण और उतर दिशा की ओर बढ़ती है।
भारत में कितने प्रकार के होते हैं मानसून?
भारत में दो प्रकार के मानसून होते हैं। पहला गर्मी का मानसून और दूसरा सर्दी का मानसून। भारत में दोनों मानसून का असर अलग-अलग समय में रहता है। भारत में गर्मी का मानसून अप्रैल से सितंबर तक रहता है और सर्दी का मानसून अक्टूबर से मार्च तक रहता है। वहीं, भारत में मानसून के दो शाखा हैं। पहला अरब सागर का मानसून और दूसरा बंगाल की खाड़ी का मानसून। ये दोनों भारत में बारिश कराता है।
भारत में कैसे पता चलता है मानसून की एंट्री?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग भारत में मानसून आने का एलान करता है। केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप में जब लगातार बारिश होने लगती है, तो मौसम विभाग द्वारा इसके आने की घोषणा की जाती है। इसके लिए इन राज्यों के आठ स्टेशनों पर जब दो दिनों तक 2.5 एमएम से अधिक बारिश हो जाता है, तो मानसून की एंट्री मानी जाती है।
क्या है प्री और पोस्ट मानसून बारिश?
भारत में मार्च से मई तक प्री मानसून रहता है। इस दौरान जब बारिश होती है तो उसे प्री मानसून माना जाता है। वहीं, जब सितंबर के बाद बारिश होती है, तो उसे पोस्ट मानसून कहा जाता है।
भारत में कब तक सक्रिय रहता है मानसून?
भारत में गर्मी का मानसून एक जून से 15 सितंबर तक सक्रिय रहता है। इसके बाद सर्दी का मानसून सक्रिय हो जाता है। अगर पूरे दक्षिण एशिया की बात की जाए, तो मानसून एक जून से एक सितंबर तक सक्रिय रहता है।
मानसून के आने से कैसे होती है बारिश?
भारत में जब मानसूनी हवाएं दक्षिण-पश्चिम तट पर पश्चिमी घाट से टकराती हैं, तो देश में बारिश होती है। हालांकि, कई बार मानसून तय तिथि से नहीं पहुंच पाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे इस वर्ष चक्रवात तूफान बिपारजॉय की वजह से मानसून प्रभावित हुआ है और तय तिथि से देरी से भारत पहुंचा है।
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