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    भारत से बाहर IIT ने रखे कदम, जंजीबार-तंजानिया में खुलेगा पहला कैंपस; दोनों देशों के बीच हुआ करार

    By Jagran NewsEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Thu, 06 Jul 2023 11:34 PM (IST)

    भारत ने अफ्रीकी देश जंजीबार-तंजानिया के साथ अपनी दोस्ती को एक नई ऊंचाई देते हुए अब वहां आइआइटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) मद्रास का कैंपस खोलने का ऐलान किया है। देश से बाहर किसी भी आइआइटी का यह पहला कैंपस होगा। इसका संचालन इसी साल अक्टूबर से होगा। फिलहाल इस फैसले के बाद जल्द ही दूसरे आइआइटी भी देश से बाहर अपने कैंपस खोलने का ऐलान कर सकते है।

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    देश से बाहर IIT ने रखे कदम, जंजीबार-तंजानिया में खुलेगा पहला कैंपस। फाइल फोटो।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत ने अफ्रीकी देश जंजीबार-तंजानिया के साथ अपनी दोस्ती को एक नई ऊंचाई देते हुए अब वहां आइआइटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) मद्रास का कैंपस खोलने का ऐलान किया है। देश से बाहर किसी भी आइआइटी का यह पहला कैंपस होगा। इसका संचालन इसी साल अक्टूबर से होगा। इस दौरान कोर्स, दाखिले और संचालन आदि का जिम्मेदारी आइआइटी मद्रास के पास होगी, जबकि पूंजी और व्यय आदि की जिम्मेदारी जंजीबार-तंजानिया की होगी।

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    दोनों देशों के बीच हुआ है औपचारिक करार

    फिलहाल इस फैसले के बाद जल्द ही दूसरे आइआइटी भी देश से बाहर अपने कैंपस खोलने का ऐलान कर सकते है। भारत और जंजीबार-तंजानिया के बीच आइआइटी कैंपस खोलने को लेकर वैसे तो काफी समय से चर्चाओं का दौर चल रहा था, लेकिन इसका ऐलान गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के तंजानिया दौरे के दौरान हुआ। जब दोनों देशों के बीच इसे लेकर औपचारिक करार हुआ है।

    इस पर क्या बोले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान?

    इस बीच, अफ्रीकी जैसे पिछड़े देशों में आइआइटी जैसे शीर्ष संस्थान के कैंपस खोलने की इस पहल को भारत की साफ्ट डिप्लोमेसी के तौर पर भी देखा जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आइआइटी मद्रास और जंजीबार-तंजानिया के बीच कैंपस खोलने को लेकर हुए इस समझौते को उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में अहम पहल बताया है।

    उन्होंने कहा कि

    यह पहल प्रधाननंत्री नरेंन्द्र मोदी की दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूती देने के साथ अफ्रीकी देशों के साथ भारत के रिश्तों को मजबूती देने की प्रतिबद्धता को साकार भी करेगा।

    लंबे समय से उठ रही थी कैंपस खोलने की मांग

    प्रधान ने कहा कि आइआइटी परिसर की स्थापना से विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा और राजनयिक संबंधों भी वृद्धि होगी। आइआइटी की भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बढ़ेगी। यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सोच को आगे बढ़ाने वाली भी है। मौजूदा समय में अफ्रीकी देशों से बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई के लिए भारत भी आते है। इन छात्रों के बीच आइआइटी में पढ़ने को लेकर काफी क्रेज भी है। ऐसे में यहां आइआइटी कैंपस खोलने की मांग काफी मजबूती से उठ रही थी।

    बीटेक- एमटेक के साथ शुरू होंगे कई कोर्स

    शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, जंजीबार-तंजानिया में शुरू होने वाले आइआइटी मद्रास के इस कैंपस बीटेक-एमटेक के साथ कुछ चुनिंदा कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। हालांकि अभी सीटें करीब पचास ही रहेंगी। बाद में यह जैसे जैसे इसका इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा होगा, पाठ्यक्रमों और सीटों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

    कई देशों में खुल सकता है आईआईटी कैंपस

    इसके साथ ही अब लंबे समय से दूसरे देशों में आइआइटी के कैंपस खोलने की योजना को रफ्तार मिलने की उम्मीद बढ़ी है। इनमें नेपाल, यूएई श्रीलंका,सउदी अरब, मॉरीशस व मिस्त्र आदि देश शामिल है। इन देशों ने अपने यहां आइआइटी कैंपस खोलने को लेकर रूचि दिखाई है।

    काफी पुरानी है यह योजना

    उल्लेखनीय है कि आइआइटी की देश से बाहर अपने कैंपस खोलने की यह योजना काफी पुरानी है। जिस पर वैसे तो 2014 से पहले से काम चल रही है। वर्ष 2014 में आइआइटी दिल्ली ने पहल करते हुए मारीशस में अपना कैंपस खोलने की तैयारी भी कर ली थी। हालांकि, बाद में शिक्षा मंत्रालय ने उसकी इस योजना पर रोक लगा थी। उस समय तक देश से बाहर कैंपस खोलने की सोच सामने नहीं आयी थी।

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