'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है...', सुप्रीम कोर्ट ने IIT और NEET अभ्यर्थी की आत्महत्या पर मांगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी खड़गपुर के छात्र और कोटा में नीट की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी की आत्महत्या पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर रिपोर्ट मांगी है और जानना चाहा है कि क्या प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस साल कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या के 17 मामले सामने आए हैं। मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आईआईटी खड़गपुर के एक छात्र और राजस्थान के कोटा में एक नीट अभ्यर्थी की आत्महत्या के मामलों को गंभीरता से लिया और यह जानना चाहा कि क्या इन घटनाओं की प्राथमिकी दर्ज की गई है या नहीं। जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने अपनी रजिस्ट्री को दोनों स्थानों से यथाशीघ्र रिपोर्ट तलब करने का निर्देश दिया है।
सिविल इंजीनियरिंग की तैयारी
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि आईआईटी खड़गपुर में पढ़ने वाला 22 वर्षीय छात्र चार मई को अपने हास्टल के कमरे में फंदे से लटका पाया गया था। वह सिविल इंजीनियरिंग का छात्र था और उसकी पहचान बिहार के शिवहर जिले के मोहम्मद आसिफ कमर के रूप में की गई थी।
टास्क फोर्स गठित
पीठ ने कहा, 'मीडिया की खबरों से जाहिर होता है कि वह आत्महत्या से कुछ समय पहले दिल्ली में अपने दोस्त के साथ वीडियो कॉल पर बात कर रहा था। यह उन दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या के मामलों में एक है, जिसके समाधान के लिए हमने छात्र आत्महत्याओं से संबंधित मुद्दों पर काम करने के लिए टास्क फोर्स गठित किया है।'
फांसी लगाकर आत्महत्या
कोर्ट ने एक नीट अभ्यर्थी की आत्महत्या के मामले को भी संज्ञान में लिया, जिसने राष्ट्रीय चिकित्सा प्रवेश परीक्षा से पहले अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। 18 वर्षीय छात्रा मध्य प्रदेश के श्योपुर की रहने वाली थी।
13 मई को अगली सुनवाई
पीठ ने कहा कि इस वर्ष जनवरी से अब तक कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या के कुल 17 मामले सामने आ चुके हैं। हम जानना चाहते हैं कि क्या इन घटनाओं के संबंध में कोई प्राथमिकी दर्ज की गई या नहीं। इस मामले पर अब 13 मई को अगली सुनवाई होगी।
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