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    Positive India: IIT मद्रास का ये फिल्टर छोटे से छोटे कणों का भी करेगा शोधन, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपयोगी

    By Vineet SharanEdited By:
    Updated: Wed, 08 Jul 2020 09:10 AM (IST)

    भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के शोधकर्ताओं ने कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक नैनो कोटेड फिल्टर मीडिया विकसित किया ...और पढ़ें

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    Positive India: IIT मद्रास का ये फिल्टर छोटे से छोटे कणों का भी करेगा शोधन, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपयोगी

    नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। स्वास्थ्य कर्मियों और आम लोगों को कोरोना से बचाने के लिए लगातार नए उपकरणों का आविष्कार हो रहा है। इसी क्रम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के शोधकर्ताओं ने कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक नैनो कोटेड फिल्टर मीडिया विकसित किया है। यह फिल्टर न सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपयोगी होगा, बल्कि रक्षा अनुप्रयोग और अन्य स्थान, जहां सब-माइक्रॉन कणों के वायु निस्पंदन और शोधन की जरूरत होती है, वहां भी कारगर होगा।

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    यह नैनो कोटेड फिल्टर मीडिया सेल्यूलोज पेपर पर एक नायलॉन-आधारित कोटिंग द्वारा निर्मित और इलेक्ट्रोस्पिनिंग प्रक्रिया के माध्यम से विकसित है। नैनो कोटेड फिल्टर मीडिया का व्यावहारिक चीजों में फील्ड परीक्षण अभी बाकी है। फील्ड ट्रायल से सत्यापन होने पर यह बड़ी मैन्युफैक्चरिंग में काफी उपयोगी होगा। इस काम को डीआरडीओ द्वारा वित्तपोषित किया गया है।

    आईआईटी मद्रास के अप्लाइड मेकेनिक्स विभाग के अरुल प्रकाश ने कहा कि इस नैनो कोटिंग वाले फिल्टर की क्षमता यह है कि यह माइक्रोन आकार के भी कणों को भी फिल्टर कर सकता है, जो बेहद उपयोगी और कारगर है। इसका स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरतों के अनुसार इस्तेमाल किया जा सकता है। मसलन, उन्हें कहां अधिक फिल्ट्रेशन की जरूरत है और कहां कम। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के अरुल प्रकाश ने बताया कि बख्तरबंद वाहनों में यह काफी उपयोगी है। चूंकि इन वाहनों को लंबे समय तक काम करना होता है, ऐसे में इसका रिवर्स क्लीनिबिलिटी बिहेवियर इसकी लाइफ को बढ़ा देता है। इससे रक्षा अप्लीकेशन में बड़ी बचत होगी, जहां विकसित देशों से फिल्टरों को मंगाने की आवश्यकता होती है।

    यह परियोजना आईआईटी मद्रास के विभिन्न विभागों के सहयोग पूरी की गई है, जिनमें केमिकल इंजीनियरिंग विभाग से प्रो. रघुराम चेट्टी और इंजीनियरिंग डिजाइन विभाग से प्रो. सर्वण कुमार शामिल रहे हैं।