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    Positive India: IIT कानपुर का सत्यान्वेषी ऐप कोरोना से लड़ाई में इस तरह करता है मदद

    By Vineet SharanEdited By:
    Updated: Thu, 21 May 2020 09:16 AM (IST)

    आईआईटी कानपुर ने ऐसे ऐप का निर्माण किया है जो कोरोना से जुड़ी भ्रामक खबरों का खुलासा करने में मदद करता है। यह असली और नकली खबरों के बीच अंतर बताने वाला एक सिस्टम है।

    Positive India: IIT कानपुर का सत्यान्वेषी ऐप कोरोना से लड़ाई में इस तरह करता है मदद

    नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। देश भर के आईआईटी अपने अनोखे शोध के जरिए कोरोना से लड़ाई में अच्छी मदद कर रहे हैं। इसी क्रम में आईआईटी कानपुर ने ऐसे ऐप का निर्माण किया है, जो कोरोना के बारे में फैल रही भ्रामक और फर्जी खबरों का खुलासा करने में आपकी मदद करता है। इस ऐप को बनाने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि हम कोरोना महामारी के साथ-साथ गलत सूचना से भी जूझ रहे हैं। ऐसे में यह ऐप आपकी इस दुविधा को हल करने का काम करता है।

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    कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर स्वप्रभ नाथ, बीएसबीई विभाग के प्रो. हामिम जाफर की देखरेख में छात्र अंकुर गुप्ता, नित्या मत्तेनेनी, यश वरुण व प्रार्थना दास ने असली और नकली खबरों के बीच अंतर बताने वाला एक सिस्टम तैयार किया है।

    इस तरह अन्य ऐप से अलग है सत्यान्वेषी

    प्रोफेसर स्वप्रभ नाथ और हामिम जाफर ने बताया कि सत्यान्वेषी नंबर आधारित सूचना प्रणाली नहीं है। यह उपयोगकर्ता द्वारा दर्ज की गई क्वेरी को पढ़ता है, क्वेरी के इरादे और संदर्भ को समझता है, सबसे उपयुक्त प्रतिक्रिया की खोज करता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई एक संदेहास्पद संदेश भेजता है तो यह ऐप उसके तथ्यों की जांच करता है। यदि वह किसी खबर के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो वह उसे मुहैया कराता है।

    यह अन्य फैक्ट-चेकिंग चैटबॉट से भी अलग है, क्योंकि ऐसे फैक्ट-चेक सामान्य जानकारी या समाचार लेख प्रदान नहीं करते हैं। साथ ही जब आप किसी सवाल को लिखते हैं तो सत्यान्वेषी कई फैक्ट चेक वेबसाइट की जांच करता है। यह उनकी रेटिंग और यूआरएल के साथ परिणाम दिखाता है, ताकि आप उस समाचार संदेश के बारे में आश्वस्त हो सकें, जो आप पढ़ रहे हैं।

    प्रोफेसर स्वप्रभ नाथ और हामिम जाफर ने बताया कि 2500 से अधिक प्रतिभागियों के बीच कोविड-19: https://mic.gov.in/samadhan/" rel="nofollow के जवाब में MHRD AICTE SAMADHAN प्रतियोगिया में हमारे समाधान ने दूसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने बताया कि आईआईटी कानपुर के फैकल्टी और छात्रों ने इस समाधान को विकसित किया और वर्तमान में सेन डिएगो, कैलिफोर्निया स्थित स्टॉर्टअप इंफोपोस्ट के साथ काम कर रहा है।प्रोफेसर स्वप्रभ नाथ और हामिम जाफर का कहना है कि आने वाले समय में हमारी कोशिश है कि इसे कई भाषाओं में उपलब्ध कराया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका फायदा उठा सकें।

    सत्यान्वेषी नाम के बारे में पूछने पर प्रोफेसर स्वप्रभ नाथ और हामिम जाफर ने बताया कि व्योमकेश बख्शी उपन्यास के आधार पर है। सत्यान्वेषी यानी सत्य की खोज करने वाला। ऐसे में हमारा मकसद भी है कि लोगों तक प्रामाणिक जानकारियां पहुंचें। उन्होंने बताया कि सत्यान्वेषी केवल फर्जी समाचार की जांच तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रमुख स्रोतों- जैसे डब्ल्यूएचओ, सीडीसी, या राष्ट्रीय स्वास्थ्य वेबसाइटों से कोरोना के बारे में सामान्य जानकारी प्रदान करता है। यह इस महामारी पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर देने में भी सक्षम है। आप स्वास्थ्य संबंधी कोई भी प्रश्न पूछ सकते हैं। सत्यान्वेषी उसका उत्तर देने का प्रयास करेगा।