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आईआईटी इंदौर का अनूठा प्रयोग, नई पीढ़ी को संस्कृत में दे रहा गणित और विज्ञान का प्राचीन ज्ञान

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर ने देश के प्राचीन ग्रंथों के गणितीय और वैज्ञानिक ज्ञान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए अपने किस्म का इकलौता ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 05:07 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 05:07 PM (IST)
आईआईटी इंदौर का अनूठा प्रयोग, नई पीढ़ी को संस्कृत में दे रहा गणित और विज्ञान का प्राचीन ज्ञान
आईआईटी इंदौर का अनूठा प्रयोग, नई पीढ़ी को संस्कृत में दे रहा गणित और विज्ञान का प्राचीन ज्ञान

इंदौर, पीटीआइ। अमूमन देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों यानी आईआईटी में गणित और विज्ञान की पढ़ाई अंग्रेजी में होती है लेकिन आईआईटी इंदौर में इन दिनों एक अनूठा प्रयोग कर रहा है। संस्‍थान इन तकनीकी विषयों के प्राचीन ज्ञान को संस्कृत में नई पीढ़ी को दे रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, इंदौर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) ने देश के प्राचीन ग्रंथों के गणितीय और वैज्ञानिक ज्ञान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए अपने किस्म का इकलौता ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया है।

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इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम में प्रतिभागियों को संस्कृत माध्‍यम में पढ़ाया जा रहा है। आईआईटी इंदौर के एक अधिकारी ने बताया कि यह ऑनलाइन पाठ्यक्रम 22 अगस्त से शुरू किया गया गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (क्यूआईपी) है। यह कार्यक्रम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (All India Council for Technical Education, AICTE) से प्रायोजित है। यह दो अक्टूबर तक संचालित किया जाएगा जिसमें कुल 62 घंटों की ऑनलाइन कक्षाएं होंगी। पाठ्यक्रम में दुनिया भर के 750 से अधिक छात्र शामिल हो रहे हैं।

संस्‍थान के कार्यवाहक निदेशक प्रो. नीलेश कुमार जैन कहते हैं कि संस्कृत में रचे गए प्राचीन ग्रंथों में गणित और विज्ञान की समृद्ध विरासत मौजूद है। मौजूदा पीढ़ी के अधिकांश लोग इस सुनहरे अतीत से अनभिज्ञ हैं। उन्हें इस प्राचीनतम ज्ञान को संस्कृत के माहौल में रूबरू कराने के लिए यह पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। चूंकि देश की नई शिक्षा नीति में भी भारतीय भाषाओं में अध्ययन को बढ़ावा देने की बात कही गई है। इसलिए यह पाठ्यक्रम संस्कृत में गणित और विज्ञान प्राचीन ज्ञान को अनुसंधानों के लिए छात्रों को प्रेरित करेगा।

पाठ्यक्रम को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में संस्कृत समझने के कौशल को विकसित किया जाता है। पाठ्यक्रम के दूसरे भाग के तहत आईआईटी मुंबई के दो प्रोफेसर संस्कृत में गणित के शास्त्रीय पाठों को छात्रों को बता रहे हैं। इस पाठ्यक्रम में 12वीं सदी के मशहूर गणितज्ञ भास्कराचार्य (1114-1185) की प्रतिष्ठित पुस्तक लीलावती के सूत्र भी बताए जा रहे हैं। पाठ्यक्रम के दूसरे भाग में शामिल छात्रों के मूल्यांकन के लिए योग्यता परीक्षा भी आयोजित की जाएगी। परीक्षा में सफल छात्रों को आईआईटी इंदौर का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। 


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