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    पर्यावरण अनुकूल प्रयासों को बढ़ावा देने में IIT दिल्ली देश में पहले स्थान पर, अन्य संस्थानों का कैसा रहा हाल?

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 10:00 PM (IST)

    आईआईटी दिल्ली ने पर्यावरण अनुकूल प्रयासों में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह 205वें स्थान पर है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2026 में यह खुलासा हुआ। आईआईटी बॉम्बे दूसरे और आईआईटी खड़गपुर तीसरे स्थान पर रहे। रैंकिंग पर्यावरण अनुकूलता, पर्यावरण शिक्षा और अनुसंधान पर आधारित थी। इस बार 103 भारतीय संस्थानों ने भाग लिया, जिनमें से 32 ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया।

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    आईआईटी दिल्ली पर्यावरण अनुकूल प्रयासों में शीर्ष पर

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के असर को लेकर दिल्ली की स्थिति गंभीर है, लेकिन यह रोचक है कि पर्यावरण अनुकूल प्रयासों को बढ़ावा देने वाले शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों में आइआइटी दिल्ली एक बार फिर देश का सर्वश्रेष्ठ संस्थान बनकर उभरा है।

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    यह जाहिर तौर पर पूछा जाएगा कि आइआइटी के पहल को दिल्ली में ही क्यों नहीं उतारा जा पा रहा है। वैसे वैश्विक स्तर पर यह 205वें स्थान पर है। आइआइटी बांबे इस पहल में दूसरे नंबर पर और आइआइटी खड़गपुर तीसरे स्थान पर रहा है। इस रैंकिंग में वैश्विक स्तर पर स्वीडन का लुंड विश्वविद्यालय पहली बार पर्यावरण अनुकूल प्रयासों को अपनाने वाला दुनिया का सर्वश्रेष्ठ उच्च शिक्षण संस्थान बनकर सामने आया है।

    आईआईटी दिल्ली पर्यावरण अनुकूल प्रयासों में शीर्ष पर

    क्यूएस व‌र्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2026 के मुताबिक इस बार इस रैं¨कग के लिए भारत के कुल 103 उच्च शिक्षण संस्थानों ने हिस्सा लिया था। इस दौरान 32 भारतीय संस्थानों ने इस साल अपनी रैं¨कग में सुधार किया है वहीं 15 संस्थानों ने अपनी पिछले साल की ही रैं¨कग बरकरार रखा है, जबकि 30 की रैं¨कग में गिरावट आई है।

    पर्यावरण अनुकूलता रैंकिंग का मुख्य आधार

    क्यूएस व‌र्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक आइआइटी दिल्ली इस बार रैंकिंग में 205 वें स्थान पर था, जबकि आइआइटी बांबे 235वें और आइआइटी खड़गपुर 236वें स्थान पर था। उच्च शिक्षण संस्थानों को यह रैंकिंग जिस आधार पर दी जाती है, उनमें पर्यावरण अनुकूलता को अपनाने यानी सौर ऊर्जा और नवीनीकरण ऊर्जा के स्त्रोतों पर निर्भरता के साथ पर्यावरण शिक्षा और पर्यावरण से जुड़े शोध शामिल है।