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    सावधान! बढ़ती गर्मी में लगातार कर रहे हैं AC का इस्तेमाल तो अस्थमा समेत ये बीमारियां होना तय!

    Use of Air conditioning तेजी से बढ़ते शहरी क्षेत्रों में अधिक लोग लू और गर्मी के जोखिम से बचने के लिए एसी का उपयोग कर रहे हैं। वहीं डॉक्टर ने अब एसी को लेकर भी लोगों को आगाह किया है। डॉक्टर ने एसी के लंबे समय तक उपयोग से त्वचा और श्वसन संबंधी समस्याओं सहित कई स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ सकते हैं।

    By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Sun, 02 Jun 2024 08:47 PM (IST)
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    एसी के लंबे समय तक इस्तेमाल से हो रही है रूखी त्वचा (फाइल फोटो)

    आईएएनएस, नई दिल्ली। भारत में इस वक्त सूरज आग उगल रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लेकर पूरे उत्तर भारत में चिलचिलाती गर्मी का दौर चल रहा है। पंखा, कूलर और एसी के बिना एक घंटा काटना भी सोच से परे है। हीटवेव के कारण लोग घरों में राहत के लिए एसी चला कर रख रहे हैं। इस चिलचिलाती गर्मी में एयर कंडीशनिंग (एसी) ही हैं जो लोगों को राहत पहुंचा रही है। वहीं, डॉक्टर ने अब एसी को लेकर भी लोगों को आगाह किया है।

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    डॉक्टर ने एसी के लंबे समय तक उपयोग से त्वचा और श्वसन संबंधी समस्याओं सहित कई स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ सकते हैं। डॉक्टरों ने बढ़ती गर्मी और एसी के बढ़ते उपयोग को देखते हुए रविवार को इसकी चेतावनी दी।

    एसी  के इस्तेमाल से कई स्वास्थ्य संबंधी खतरे

    मणिपाल अस्पताल, बेंगलुरु के कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट सुहास एच एस ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, "लंबे समय तक एसी के संपर्क में रहने से कई तरह के स्वास्थ्य संबंधी खतरे हो सकते हैं। इन खतरों में शामिल है- सूखी, परतदार और खिंची हुई त्वचा से लेकर सिरदर्द, सूखी खांसी, चक्कर आना और मतली, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, थकान और गंध के प्रति संवेदनशीलता शामिल है।"

    एसी में लंबे समय तक रहने से बचने की दी सलाह 

    डॉक्टर ने कहा कि एसी में ज्यादा रहने के कारण एलर्जिक राइनाइटिस और अस्थमा जैसी सांस संबंधी बीमारियां भी बढ़ सकती हैं और अगर एसी का उचित रखरखाव नहीं किया जाता है तो संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ठंड के संपर्क में लंबे समय तक रहने से बचने की सलाह दी है।

    एसी में यह फिल्टर है बहुत जरूरी 

    सर गंगा राम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकार एम वली ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि एयर कंडीशनिंग से जुड़ी चिकित्सा समस्या यह है कि उनमें उचित फिल्टरेशन नहीं होता है। इस फिल्टर को  आदर्श HEPA फिल्टर कहते हैं जो अनुशंसित हैं या वे बहुत कम ब्रांडेड अच्छी कंपनी के एयर कंडीशनर में होते हैं। प्रदूषण के कारण यह फिल्टर बंद हो जाते हैं और संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।

    HVAC सेटअप में जोखिम अधिक

    फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के वरिष्ठ निदेशक और यूनिट हेड, इंटरनल मेडिसिन, सतीश कौल ने कहा कि घरेलू AC सेटअप की तुलना में वाणिज्यिक हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग (HVAC) सेटअप में जोखिम अधिक है। हालांकि घरेलू AC कूलिंग सिस्टम और बैक्टीरियल संदूषण के बारे में बहुत अधिक डेटा उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ बैक्टीरिया कूलिंग कॉइल पर बायोफिल्म बनाते हैं और 90 प्रतिशत से अधिक समय तक AC के संपर्क में रहने वाले मनुष्यों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। 

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