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    'अगर सीमाएं सुरक्षित रहतीं तो और तेजी से प्रगति करता भारत', बीएसएफ के कार्यक्रम में NSA अजित डोभाल ने बताया

    Updated: Fri, 24 May 2024 07:42 PM (IST)

    राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले 10 सालों में देश तेजी से सशक्त हुआ है। हालांकि अगर हमारे देश की सीमाएं अधिक सुरक्षित सुरचित और प्रतिकूल कब्जेवाली नहीं होतीं तो भारत ने अधिक रफ्तार से प्रगति की होती। उन्होंने कहा जमीन पर जो कब्जा है वही अपना है बाकी तो सब अदालत और कचहरी का काम है। उससे फर्क नहीं पड़ता।

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    राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले 10 सालों में देश तेजी से सशक्त हुआ है।

    पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले 10 सालों में देश तेजी से सशक्त हुआ है। हालांकि, अगर हमारे देश की सीमाएं अधिक सुरक्षित, सुरचित और प्रतिकूल कब्जेवाली नहीं होतीं, तो भारत ने अधिक रफ्तार से प्रगति की होती। उन्होंने कहा, "जमीन पर जो कब्जा है वही अपना है, बाकी तो सब अदालत और कचहरी का काम है। उससे फर्क नहीं पड़ता।"

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    21वें अलंकरण समारोह में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से आयोजित रुस्तमजी मेमोरियल लेक्चर में शुक्रवार को एनएसए डोभाल ने कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति अधिक रफ्तार पकड़ती अगर देश की सीमाएं अधिक सुरक्षित रहतीं। निकट भविष्य में हमें नहीं लगता कि हमारी सीमाएं इतनी सुरक्षित हो जाएंगी कि हम तेजी से आर्थिक विकास कर सकें। इसलिए सीमाओं पर तैनात सैन्य बलों के कंधों पर अत्यधिक भार आ गया है। उन्हें हमेशा 2437 सतर्क रहना पड़ता है। उन्हें हर वक्त हमारे राष्ट्रीय हितों और देश की सुरक्षा का ध्यान रखना होता है।

    देश की सीमाएं अत्यधिक महत्वपूर्ण इसलिए हैं, क्योंकि वह हमारी संप्रभुता को परिभाषित करती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में भारत सरकार ने सीमाओं की सुरक्षा पर बहुत ध्यान दिया है। इसी अवधि में हमारी राष्ट्रीय ताकत बढ़ी है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि भारत बहुत तेजी से बदल रहा है। अगले दस सालों में हम 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी हो जाएंगे। साथ ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे, जोकि बहुत बड़ी बात है।

    उन्होंने कहा कि भारत के पास सबसे बड़ा कार्यबल है। इसके साथ ही उच्च तकनीक के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), सेमीकंडक्टरों, क्वांटम कंप्यूटिंग और रक्षा व सुरक्षा निर्माण के विभिन्न क्षेत्रों में भारत के पास हब होगा। इस बदलते भारत में समृद्धि कुछ हद तक सुरक्षा की भी गारंटी बनेगी। उन्होंने कहा कि भारत ने इसी साल 31 मार्च तक 2.5 अरब डॉलर के हथियारों को निर्यात किया है। बड़ा निर्यातक बनने का यह कारनामा सरकारी नीतियों की आत्मनिर्भरता और आत्मनिर्भर भारत होने की दिशा में एक और कदम है।

    'स्थानीय आबादी विरुद्ध है तो आप सीमा पर काबू नहीं रख सकते'

    राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सीमा सुरक्षा बल की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह देश की सीमाओं की सुरक्षा का काम बखूबी कर रहे हैं। साथ ही समय-समय पर आंतरिक सुरक्षा में भी विशेष योगदान दे रहे हैं। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, "चाणक्य का मंत्र है कि अगर स्थानीय आबादी आपके विरुद्ध है तो आप सीमा पर काबू नहीं रख सकते हैं।"

    उन्होंने कहा कि सीमा पर सुरक्षा का प्रबंध स्थानीय लोगों का दिल जीत कर ही हो सकता है। स्थानीय लोगों को यह नहीं लगना चाहिए कि वर्दीधारी उन्हें कंट्रोल कर रहे हैं। उन्होंने इजरायल के अपनी सीमा की सुरक्षा करने के अंदाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि इजरायल पर ईरान ने 1500 मिसाइलें दागी थीं, जिनमें से 99 प्रतिशत मिसाइलों को रोक दिया गया था। यह रक्षा क्षेत्र में उनकी तकनीक का कमाल है।