2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य करना है हासिल तो इन चीजों में करना होगा सुधार, नीति आयोग ने दिया रोडमैप
नीति आयोग ने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए असंगठित क्षेत्र में सुधार का सुझाव दिया है। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और एआई जैसी तकनीकों का उपयोग करके कामगारों की आय बढ़ाने पर जोर दिया गया है। आयोग ने रोडमैप को चार चरणों में लागू करने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें मिशन ओरिएंटेशन, संस्थागत व्यवस्था, कार्ययोजना का कार्यान्वयन और विस्तार शामिल हैं। इससे असंगठित क्षेत्र की आय में वृद्धि हो सकती है।

नीति आयोग ने दिया विकसित भारत का रोडमैप।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नीति आयोग ने गहन अध्ययन करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना है तो उसके लिए सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 50 प्रतिशत की भागीदारी वाले असंगठित क्षेत्र की दशा-दिशा भी सुधारनी ही होगी।
बीते करीब एक दशक में भारत में तैयार हुए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत नींव मानते हुए आयोग ने विश्वास जताया है कि यदि इसका उपयोग करते हुए इस वर्ग के कामगारों को एआइ सहित अन्य उच्च तकनीकों से जोड़ा जाए तो असंगठित क्षेत्र के कामगारों की की आय को कई गुणा बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए रोडमैप को चार चरणों में धरातल पर उतारने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया गया है।
पहला चरण
मिशन ओरिएंटेशन के नाम से पहला चरण नीति आयोग ने वर्ष 2025 से 2026 तक के लिए प्रस्तावित किया गया है। इस चरण में ड्राफ्टिंग कमेटी के इनपुट के आधार पर एक मिशन चार्टर का मसौदा तैयार करना होगा। इस प्रकार मिशन में एक स्पष्ट दिशा, समयबद्ध लक्ष्य और परिणाम के आकलन की सुविधा रहेगी। इसके अलावा एजेंडा निर्धारित करने की प्रक्रिया में सरकार, उद्योग, शिक्षा जगत और समाज का एक साथ आना भी शामिल होगा।
दूसरा चरण
वर्ष 2026 से 2027 तक चलने वाला दूसरा चरण संस्थागत व्यवस्था का होगा। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में शासन संरचनाएं स्थापित करते हुए स्पष्ट नेतृत्व भूमिकाएं परिभाषित की जाएंगी और मिशन के कार्यान्वयन के खाका को अंतिम रूप दिया जाएगा। आयोग मानता है कि वर्तमान में भारत के पास जो नियामक और डिजिटल बुनियादी ढांचा है, उसकी भी पूरी मदद इसमें मिलेगी। यह चरण घरेलू क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित होगा। नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक वित्त पोषण और प्रोत्साहन ढांचे के साथ-साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी शुरू की जाएगी।
तीसरा चरण
तीसरा चरण 2027 से 2029 तक चलेगा, यह चरण कार्ययोजना को कार्यान्वित करने की ओर तेजी से कदम बढ़ाने का होगा। पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर ढांचे के अनुसार मजबूत निगरानी और मूल्यांकन पर जोर रहेगा।
चौथा चरण
वर्ष 2029 से इस रोडमैप का चौथा और अंतिम चरण शुरू होगा। इसके तहत देशभर में सफल पायलट प्रोजेक्ट का विस्तार करना होगा। स्थानीय संदर्भों के अनुरूप परियोजना को धरातल पर उतारा जाएगा, जिसमें राज्यों और शहरों को क्षेत्रीय कार्यबल की आवश्यकताओं के अनुसार कार्यक्रम तैयार करने और अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस चरण का उद्देश्य मिशन के उद्देश्य के अनुरूप असंगठित क्षेत्र के कामगारों को निरंतर लाभ सुनिश्चित करना होगा। नीति आयोग मानता है कि आधार, यूपीआई, जनधन और भारतनेट जैसे आधारभूत डिजिटल बुनियादी ढांचे ने पहले ही लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।
युवा आबादी और बढ़ती डिजिटल पहुंच की परिस्थिति असंगठित अर्थव्यवस्था की अप्रयुक्त क्षमता का समुचित दोहन करने के लिए उपयुक्त है। ऐसे परिवर्तनकारी प्रयासों से लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ असंगठित क्षेत्र की वर्तमान प्रति व्यक्ति आय 159525 रुपये को बढ़ाकर 2047 तक 1285243 रुपये तक पहुंचाया जा सकता है।
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