'ICC कर सकती है POSH एक्ट के तहत सुनवाई', किस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने की यह टिप्पणी?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक विभाग में बनी आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) POSH एक्ट के तहत दूसरे विभाग के कर्मचारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत पर सुनव ...और पढ़ें
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सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि एक विभाग में बनी आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) POSH एक्ट के तहत दूसरे विभाग के कर्मचारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत पर सुनवाई कर सकती है।
जस्टिस जेके माहेश्वरी और विजय बिश्नोई की बेंच ने कहा कि यौन उत्पीड़न रोकथाम (POSH) एक्ट के प्रावधानों की संकीर्ण व्याख्या इसके उपचारात्मक सामाजिक कल्याण के मकसद को कमजोर करेगी, क्योंकि इससे पीड़ित महिला के लिए महत्वपूर्ण व्यावहारिक बाधाएं पैदा होंगी।
पीठ ने क्या कहा?
पीठ ने कहा, "POSH एक्ट की धारा 11 में दिए गए वाक्यांश 'जहां प्रतिवादी एक कर्मचारी है', का यह मतलब नहीं निकाला जा सकता कि 'प्रतिवादी' के खिलाफ आईसीसी की कार्यवाही केवल 'प्रतिवादी' के वर्कप्लेस पर बनी आईसीसी के सामने ही शुरू की जा सकती है।"
कोर्ट ने कहा कि संकीर्ण व्याख्या से पीड़ित महिला के लिए कई प्रक्रियात्मक और मनोवैज्ञानिक बाधाएं पैदा होंगी। पीठ ने कहा, "पीड़ित महिला, जिसके साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न हुआ है, उसे 'प्रतिवादी' के वर्कप्लेस पर बनी आईसीसी के सामने शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इससे ऐसी स्थिति बनेगी जहां पीड़ित महिला को कानून के तहत अपना हक पाने के लिए किसी अनजान वर्कप्लेस पर आईसीसी के सामने पेश होना पड़ेगा।"
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर पीड़ित महिला के वर्कप्लेस पर बनी आईसीसी, POSH एक्ट के तहत फैक्ट-फाइंडिंग जांच कर रही है तो आरोपी का एम्प्लॉयर, भले ही वह कोई अलग डिपार्टमेंट हो, उसे POSH एक्ट की धारा 19(f) के तहत अपनी ड्यूटी पूरी करनी होगी और पीड़ित महिला के वर्कप्लेस पर बनी आईसीसी के निवेदन पर तुरंत सहयोग करना होगा और जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 2010 बैच के एक इंडियन रेवेन्यू सर्विस (आईआरएस) अधिकारी की याचिका पर आया, जिसमें उन्होंने आईसीसी द्वारा जारी नोटिस को चुनौती दी थी।
2004 बैच की एक इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (आईएएस) ऑफिसर, जो उस समय फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन डिपार्टमेंट में जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर तैनात थीं, ने आरोप लगाया कि 15 मई, 2023 को आईआरएस ऑफिसर ने उनके वर्कप्लेस पर उनका सेक्शुअल हैरेसमेंट किया।

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