IAS Success Story: नौकरी छोड़कर अंकिता जैन ने की सिविल सेवा की तैयारी, चौथे प्रयास में बनीं IAS
इतिहास गवाह है कि बार-बार प्रयास करने से ही सफलता मिलती है। आज हम आपको अंकिता जैन की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने चौथे प्रयास में देश में तीसरी रैंक लाकर आईएएस बनने का सपना पूरा किया। File Photo

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा है, जिसके लिए एक लंबी तैयारी की जरूरत होती है। यह इंतजार तब और बढ़ जाता है, जब आप बार-बार फेल होते हैं, लेकिन फेल होने का मतलब यह नहीं है कि आप दोबारा पास नहीं हो सकते हैं। इतिहास गवाह है कि बार-बार प्रयास करने से ही सफलता मिलती है। आज हम आपको अंकिता जैन की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने चौथे प्रयास में देश में तीसरी रैंक लाकर आईएएस बनने का सपना पूरा किया।
अंकिता जैन का परिचय
अंकिता जैन दिल्ली की रहने वाली हैं और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा साइंस विषयों के साथ पूरी की। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की तैयारी की और दिल्ली के प्रतिष्ठित तकनीकी विश्वविद्यालयों में शामिल दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई की।
पढ़ाई के बाद लगी प्राइवेट नौकरी
अंकिता की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्हें निजी क्षेत्र में नौकरी मिल गई। यहां उन्होंने कुछ समय तक काम किया, लेकिन वहां उनका मन नहीं माना, क्योंकि उनके मन में आईएएस अधिकारी बनने का सपना था। इसके लिए उन्होंने नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया।
नौकरी छोड़कर की तैयारी
अंकिता जैन ने नौकरी छोड़कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की, लेकिन वह अपने पहले प्रयास में असफल हो गई। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपने दूसरे प्रयास के लिए तैयारी में जुट गईं।
दूसरे प्रयास में मिली अधूरी सफलता
अंकिता जैन ने पूरी मेहनत के साथ दूसरे प्रयास की तैयारी की और इस बार उन्होंने सफलता हासिल कर ली थी। हालांकि, वह आईएएस बनना चाहती थीं, लेकिन उन्हें भारतीय लेखा सेवा मिली। ऐसे में उन्होंने फिर से परीक्षा देने का निर्णय लिया।
तीसरे प्रयास में भी नहीं पूरा हुआ सपना
अंकित जैन ने नौकरी के साथ अपना तीसरा प्रयास भी दिया, लेकिन किस्मत को इस बार उनकी सफलता मंजूर नहीं थी। ऐसे में एक बार फिर उनका आईएएस बनने का सपना अधूरा रह गया। लेकिन, यहां भी उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से अपनी तैयारी में लगे रहने का निर्णय लिया।
चौथे प्रयास में हासिल की तीसरी रैंक
अंकिता जैन ने पूरी मेहनत के साथ चौथे प्रयास की तैयारी की। इस बार उन्होंने प्रीलिम्स, मेंस व इंटरव्यू में बेहतर प्रदर्शन करते हुए परीक्षा पास की। उन्होंने न सिर्फ परीक्षा को पास किया, बल्कि तीसरी रैंक लाकर वह आईएएस टॉपर भी बन गईं।
अंकिता की कहानी हमें बताती है कि यदि जीवन में कुछ तय किया जाए और उसके लिए यदि हार न मानने वाली सोच हो, तो फिर आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता है।
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