Article 370: 'मेरे जैसे कई कश्मीरियों के लिए अनुच्छेद 370 अतीत की बात', IAS शाह फैसल ने SC से वापस ली याचिका
साल 2009 में यूपीएससी परीक्षा टॉप करने वाले पहले कश्मीरी शाह फैसल ने अनुच्छेद 370 के खिलाफ दायर अपनी याचिका को वापस ले लिया है। शाह फैसल ने बताया कि वह अनुच्छेद 370 को खत्म करने के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को काफी पहले वापस ले चुके हैं। बता दें कि शाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

नई दिल्ली, एजेंसी। आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 के खिलाफ अपनी याचिका को वापस ले लिया है। शाह फैसल ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह काफी समय पहले ही याचिका को वापस ले चुके हैं।
ये अतीत की बात है: शाह फैसल
आईएएस अधिकारी ने एक ट्वीट कर लिखा कि मेरे जैसे कई कश्मीरियों के लिए अनुच्छेद 370 अतीत की बात है। झेलम और गंगा हमेशा के लिए महान हिंद महासागर में विलीन हो गई हैं। कोई वापसी नहीं है। केवल आगे बढ़ना है।
370, for many Kashmiris like me, is a thing of the past.
— Shah Faesal (@shahfaesal) July 4, 2023
Jhelum and Ganga have merged in the great Indian Ocean for good.
There is no going back. There is only marching forward. pic.twitter.com/3cgXRWSxW0
सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर बनाई थी पार्टी
शाह फैसल ने जनवरी 2019 में सरकारी नौकरी से इस्तीफा दिया था। उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देने के बाद जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नाम से एक राजनीतिक दल का गठन किया था। पांच अगस्त 2019 को उन्होंने अनुच्छेद 370 को भंग किए जानेके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
आईएएस परीक्षा में टॉप कर चर्चा में आए
शाह फैसल साल 2010 में आईएएस की परीक्षा में टॉप कर चर्चा में आए थे। वह कश्मीर घाटी के रहने वाले हैं। शाह ने सरकारी सेवा से अपने इस्तीफे को वापस लेने का आवेदन किया था। केंद्र सरकार ने उनके आवेदन पर उनके इस्तीफे को खारिज कर दिया और उन्हें केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में उपसचिव बना दिया। बता दें कि शाह को 2020 में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत घर में नजरबंद भी कर दिया गया था।
11 जुलाई को होगी सुनवाई
अनुच्छेद 370 के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
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