Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    IAS Pooja Khedkar: खतरे में आईएएस पूजा की उम्मीदवारी! प्रमाण पत्रों की जांच के लिए पैनल का गठन; केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

    Updated: Thu, 11 Jul 2024 11:45 PM (IST)

    IAS Pooja Khedkar ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उन पर लगे आरोपों पर अब सरकार भी सख्त हो गई है। फर्जी प्रमाण पत्र जमा कर आईएएस बनने के आरोपों की जांच के लिए केंद्र सरकार ने समिति का गठन कर दिया है। समिति को दो सप्ताह में सरकार को रिपोर्ट सौंपनी होगी। जानिए क्या है पूरा मामला।

    Hero Image
    केंद्र सरकार ने पूजा की उम्मीदवारी के दावों की जांच के लिए समिति गठित की है। (File Image)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। अपनी ऑडी कार में नियम विरुद्ध लाल बत्ती लगाकर चलने वालीं महाराष्ट्र की विवादित प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की परेशानी और बढ़ सकती है। उन्होंने पुणे से स्थानांतरण के बाद नए जिले वाशिम में अपना कार्यभार संभाल लिया है, लेकिन अब अतीत में की गई उनकी कारगुजारियां सामने आने लगी हैं। उन पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने का गंभीर आरोप है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केंद्र ने गठित की समिति

    केंद्र ने उनकी उम्मीदवारी के दावों और अन्य विवरणों की जांच के लिए गुरुवार को एक सदस्यीय पैनल का गठन किया है। उन पर गलत ढंग से दिव्यांगता और ओबीसी कोटा हासिल कर लाभ लेने के आरोप लगे हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के एक अतिरिक्त सचिव उनकी दिव्यांगता और ओबीसी प्रमाण पत्र की जांच करेंगे। पूजा के नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी श्रेणी के तहत यूपीएससी की परीक्षा देने पर सवाल उठ रहे हैं।

    कैटेगिरी को लेकर उठे सवाल

    पूजा ने 2019 में यही परीक्षा सामान्य श्रेणी में दी थी। तब उनके अच्छे नंबर नहीं आए थे। 2022 में उन्होंने नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी श्रेणी के तहत परीक्षा दी। इस विशेष श्रेणी के तहत परीक्षा देने पर भी आईएएस के रूप में उनका चयन न हो पाता, क्योंकि उस वर्ष इसी श्रेणी के तहत अंतिम रैंकिंग 434 थी, लेकिन पूजा ने शारीरिक दिव्यांगता का प्रमाण पत्र देकर यह बाधा भी बार कर ली। यहां तक कि आईएएस अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य मेडिकल जांच कराने से भी कतराती रहीं। वह छह बार इस जांच से कन्नी काट गईं। जबकि, 2019 में यूपीएससी की परीक्षा देते समय उन्होंने शारीरिक दिव्यांगता का प्रमाणपत्र नहीं दिया था।

    शुरू हुई कार्रवाई

    अब उनकी इन सारी करतूतों पर सवाल उठाए जा रहे हैं और कार्रवाई भी शुरू हो गई है। अपनी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती एवं महाराष्ट्र शासन की पट्टी लगाने के कारण पुणे पुलिस ने उन पर 21,000 रुपये का जुर्माना ठोक दिया है। उनकी अन्य गलतियों की जांच की मांग उठने लगी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा है कि उनके चयन में ही गड़बड़ी हुई है। एजेंसी में ही गड़बड़ है। पहले ही उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की ठीक से जांच होनी चाहिए थी। उन्होंने गलत प्रमाणपत्र देकर गलत फायदा उठाया है। इसकी जांच होनी चाहिए।

    निजी गाड़ी में लगाई लाल बत्ती

    उनके पिता ने हाल ही में वंचित बहुजन आघाड़ी के टिकट पर चुनाव लड़ते समय अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई थी। स्वयं पूजा खेडकर के पास भी 17 करोड़ की संपत्ति है। फिर भी उन्होंने ओबीसी की नॉन क्रीमी लेयर के तहत यूपीएससी परीक्षा दे दी, इस पर सवाल उठ रहे हैं। गौरतलब है कि पूजा खेडकर प्रशिक्षु के रूप में पुणे जिलाधिकारी कार्यालय में तैनाती के दौरान अपनी ऑडी कार पर लाल बत्ती और महाराष्ट्र शासन की पट्टी लगाकर चलती थीं।

    वरिष्ठ के चैंबर पर जमाया कब्जा

    उन्होंने अपने वरिष्ठ अपर जिलाधिकारी के एंटी चैंबर से उनका सामान बाहर निकलवाकर उस कक्ष पर कब्जा कर लिया था। वह अपने लिए आधिकारिक स्टाफ की मांग भी कर रही थीं। उनकी ये शिकायतें जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे द्वारा मुख्य सचिव से किए जाने के बाद उनका स्थानांतरण तत्काल प्रभाव से अपेक्षाकृत छोटे जिले वाशिम में कर दिया गया है। वहां उन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया है।