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    अब भारत में ही बनेंगे राफेल लड़ाकू विमान, रक्षा मंत्रालय को मिला 114 एयरक्राफ्ट खरीदने का प्रस्ताव

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 10:23 PM (IST)

    भारतीय वायु सेना ने रक्षा मंत्रालय को 114 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का प्रस्ताव दिया है। ये विमान फ्रांसीसी कंपनी दासौ एविएशन भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर बनाएगी जिनमें 60% से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी। इस प्रस्ताव की अनुमानित लागत दो लाख करोड़ रुपये से अधिक है और यह भारत सरकार द्वारा हस्ताक्षरित सबसे बड़ा रक्षा सौदा होगा।

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    फ्रांसीसी कंपनी के साथ मिलकर भारत में बनेंगे राफेल।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वायु सेना ने मेड इन इंडिया 114 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए रक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव के अनुसार इन राफेल विमानों को फ्रांसीसी कंपनी दासौ एविएशन भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर बनाएगी। जिसमें 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री शामिल होगी।

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    प्रस्ताव की अनुमानित लागत दो लाख करोड़ रुपये से अधिक होगी। रक्षा सचिव की अध्यक्षता वाला रक्षा खरीद बोर्ड इस प्रस्ताव पर अगले कुछ सप्ताह में चर्चा कर सकता है। यह भारत सरकार द्वारा हस्ताक्षरित अब तक का सबसे बड़ा रक्षा सौदा होगा।

    कुछ दिन पहले ही रक्षा मंत्रालय को मिला प्रस्ताव 

    अधिकारियों ने बताया, वायुसेना द्वारा 114 राफेल विमानों के लिए केस स्टेटमेंट (एसओसी) या प्रस्ताव कुछ दिन पहले रक्षा मंत्रालय को मिला है। यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है। विचार-विमर्श के बाद प्रस्ताव को रक्षा अधिग्रहण परिषद के पास भेजा जाएगा। वायु सेना के बेड़े में पहले ही 36 राफेल विमान हैं। भारतीय नौसेना ने सरकार-से-सरकार सौदों के तहत 36 राफेल विमानों के लिए आर्डर दे दिए हैं।

    ऑपरेशन सिंदूर में राफेल ने दिखाई थी ताकत

    राफेल ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के खिलाफ ताकत दिखाई थी। पाकिस्तान के हौसले पस्त हो गए और वह घुटने टेकने पर मजबूर हुआ। भारत में बनने वाले राफेल विमानों को स्कैल्प की तुलना में अधिक दूरी की हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस किए जाने की संभावना है।

    राफेल विमानों में लगे स्कैल्प मिसाइलों का उपयोग पाकिस्तान के अंदर सैन्य ठिकानों के साथ साथ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया गया था।

    फ्रांस बना रहा ये योजना 

    फ्रांस राफेल विमानों द्वारा उपयोग किए जाने वाले एम-88 इंजनों के लिए हैदराबाद में रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल केंद्र स्थापित करने की भी योजना बना रहा है। फ्रांसीसी कंपनी दासौ ने राफेल के रखरखाव के लिए पहले ही कंपनी बना दी है। टाटा जैसी भारतीय कंपनियां भी इस निर्माण में शामिल हो सकती हैं।

    बढ़ते खतरे से निपटने के लिए भारत को लड़ाकू विमानों की तत्काल जरूरत है। वायुसेना के बेड़े में मुख्य रूप से एसयू-30 एमकेआइ, राफेल और स्वदेशी लड़ाकू विमानों के शामिल होने की उम्मीद है। भारत ने 180 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमानों के आर्डर दे दिए हैं। बड़ी संख्या में पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमानों को शामिल करने की भी योजना है।

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