Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'हम इतना खुश... जिसकी कोई सीमा नहीं', 'अंतरिक्ष यात्री' शुभांशु शुक्ला का परिवार बोला- सबकुछ भगवान पर छोड़ा

    Updated: Sat, 03 Aug 2024 10:25 PM (IST)

    अतंरिक्ष मिशन के लिए चयनित होने पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का परिवार बेहद खुश है। हालांकि उनके पिता ने कहा कि वह सेना में बेटे को भेजने के पक्ष में नहीं थे। वह सिविल सेवा के पक्ष में थे। मगर अब बेटे की उपलब्धि पर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने मिशन के सफल होने की कामना भी की।

    Hero Image
    शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर।

    एएनआई, नई दिल्ली। भारत-अमेरिका के संयुक्त स्पेस मिशन के तहत इसरो ने शुभांशु शुक्ला को प्राइम पायलट के रूप में चुना है। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की उड़ान भरेंगे। ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर को बैकअप पायलट के रूप में चुना गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: 'छोटे किसान भारत की सबसे बड़ी ताकत', पीएम मोदी बोले- कई देशों में काम आ सकता है हमारा मॉडल

    शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर हैं। शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने बेटे के मिशन पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि परिवार में सभी खुश हैं। उन्होंने मिशन की सफलता की कामना भी की। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (प्राइम) और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर (बैकअप) गगन मिशन का भी हिस्सा हैं।

    बेटे को सिविल सेवा में भेजना चाहते थे पिता

    शुभांशु शुक्ला के पिता ने कहा कि मैं इस मिशन के सफल होने की कामना करता हूं। मैं हमेशा भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उसे (शुभांशु) सफलता मिले। मेरी इच्छा थी कि वह सिविल सेवा में जाए, लेकिन जब उसका चयन हुआ और मुझे इसकी जानकारी नहीं थी, मगर मैंने इनकार नहीं किया, लेकिन जब हमें खबर मिली तो उस पल की बराबरी कोई नहीं कर सकता था। उन्होंने कहा कि जब पीएम ने उसे बैज दिया तो हम उस पल को कभी नहीं भूलेंगे। हम कभी नकारात्मक नहीं सोचते। यह सब भगवान की इच्छा है। सब कुछ अच्छे के लिए होता है।

    बचपन से मेधावी रहा शुभांशु

    शुभांशु शुक्ला की मां उषा शुक्ला ने कहा कि शुभांशु बचपन से ही मेधावी रहा है। हम इतने खुश हैं कि इसकी कोई सीमा नहीं है, लेकिन मिशन के बारे में सुनकर थोड़ी घबराहट भी होती है। कल वह अमेरिका के लिए रवाना हो गया, जहां उसे प्रशिक्षण मिलेगा। परिवार में सभी लोग खुश हैं।

    यह भी पढ़ें: 'लोग कोर्ट के मामलों से इतना त्रस्त हो जाते कि बस समझौता चाहते हैं', CJI चंद्रचूड़ ने ऐसा क्यों कहा