क्यों हाइड्रोजन बम है बेहद खतरनाक, जानिए 10 अहम बातें
उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम के परीक्षण के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। एक तरफ अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी उत्तर कोरिया के इस दुस्साहसिक कदम की आलोचना कर रही है। लेकिन ये समझने की जरूरत है कि हाइड्रोजन बम इतना खतरनाक क्यों है।
नई दिल्ली। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने उत्तर कोरिया में परमाणु परीक्षण स्थल के निकट 5.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किए जाने की बात कही थी, जिससे इन आशंकाओं को बल मिला था कि प्योंगयांग ने संभवत: एक ताजा परमाणु विस्फोट किया है।
इस बीच उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण किए जाने की इसकी पुष्टि कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये हाइड्रोजन बम का परीक्षण था, जिसके बाद आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसरो के पूर्व प्रमुख के कस्तूरी रंगन ने कहा कि हाइड्रोजन बम की विसफोटक क्षमता परमाणु बम से कई गुना ज्यादा होती है। जानिए परमाणु बम से कितना घातक होता है हाइड्रोजन बम...
1.हाइड्रोजन बम से निकलने वाली ऊर्जा, परमाणु बम से निकलने वाली ऊर्जा से हजार गुना अधिक होती है। इसके एक ही धमाके के कई शहर एक साथ पूरी तरह तबाह हो सकते हैं।
2.हाइड्रोजन बम को चालू करने के लिए ऊर्जा छोटे परमाणु बम के धमाके से मिलती है, जो नाभिकीय विखंडन की प्रक्रिया पर आधारित होता है।
3.परमाणु बम में यूरेनियम या प्लूटोनियम जैसे भारी तत्वों के नाभिक हल्के नाभिक में टूटते हैं। इससे जो ऊर्जा निकलती है वह अपने आप में ही काफी विध्वंसक होती है। जैसा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में देखा जा चुकी है।
4.इस ऊर्जा का उपयोग कर हाइड्रोजन बम काम करना शुरू करता है। नाभिकीय संलयन की इस प्रक्रिया में हल्के तत्वों के नाभिक जुड़ते हैं, जिससे और अधिक ऊर्जा निकलती है
5.हाइड्रोजन बम में हाइड्रोजन के एटम आपस में जुड़ते हैं, इसीलिए उसका नाम हाइड्रोजन बम रखा गया है।
6.हाइड्रोजन बम को छोटे आकार में बनाना आसान होता है, इसलिए उन्हें मिसाइल में असानी से रखा जा सकता है।
7.हिरोशिमा और नागासाकी में गिराये गए बम परमाणु बम थे, लेकिन अभी तक हाइड्रोजन बम का उपयोग कभी नहीं किया गया है
8. परमाणु बम में उच्च स्तर का रेडिएशन होता है, लेकिन हाइड्रोजन बम में इससे हजारों गुना अधिक घातक होता है। जहां तक बात इसके धमाके से सुरक्षित दूरी की है, तो यह हाइड्रोजन बम के आकार पर निर्भर करता है। जितना बड़ा हाइड्रोजन बम होगा, उसकी मारक क्षमता उतनी ही अधिक होगी।
9. 20 किलोटन परमाणु विस्फोट से करीब आधा किमी चौड़ा आग का गोला बनता है। 1.6 किमी का दायरा तत्काल घातक रेडिएशन के प्रभाव में आ जाता है। इसके साथ ही करीब पांच किमी के दायरे में घातक शॉक वेव फैल जाती है। 20 किलोटन से अर्थ है कि 20 हजार टीएनटी का एक साथ धमाका होना। इतना बड़ा धमाका हिरोशिमा में हुआ था।
10. 54 मेगा टन (5.40 करोड़ टीएनटी का धमाका) हाइड्रोजन बम का धमाका करीब 16 किमी चौड़ा आग का गोला बनाता है। घातक रेडिएशन का असर तत्काल 12.8 किमी से 19 किमी तक होता है। धमाका सैकड़ों वर्ग किमी इलाके में रखे बिना ढंके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को उड़ा सकता है।
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