'गला दबाने के निशान मिटाने के लिए कौन सी क्रीम बेहतर?' गूगल पर सर्च करने वाले पति को उम्रकैद
रतलाम जिले में एक महिला की गला दबाकर हत्या के मामले में, न्यायालय ने गूगल सर्च हिस्ट्री को महत्वपूर्ण साक्ष्य मानते हुए पति को उम्रकैद की सजा सुनाई। आ ...और पढ़ें

पत्नी को मौत के घाट उतारने वाले पति को मिली उम्रकैद की सजा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महिला की गला दबाकर हत्या किए जाने के मामले में न्यायालय ने गूगल सर्च हिस्ट्री को अहम साक्ष्य मानते हुए आरोपित पति को उम्रकैद और तीन हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित ने अपने मोबाइल के माध्यम से गूगल सर्च इंजन पर अपराध के सुबूत मिटाने की जानकारी सर्च की थी। गूगल पर सर्च किया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने के निशान आते हैं या नहीं, यदि आते हैं तो उन्हें मिटाने के लिए कौन सी क्रीम सबसे बेहतर है। पोस्टमार्टम में गला फाड़ा जाता है या नहीं जैसी जानकारियां खोजी गईं।
गूगल सर्चिंग को जज ने माना सबूत
प्रधान सत्र न्यायाधीश नीना आशापुरे ने सुनवाई में गूगल सर्चिंग को महत्वपूर्ण परिस्थितिजन्य साक्ष्य के रूप में स्वीकार किया। प्रकरण में दोषी ठहराए गए 23 वर्षीय राकेश ने 14 दिसंबर 2024 को गला दबाकर पत्नी बुलबुल की हत्या इसलिए कर दी, क्योंकि वह शराब पीकर देर रात घर आने का विरोध करती थी।
घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था, इसके बावजूद पुलिस द्वारा प्रस्तुत परिस्थितिजन्य साक्ष्य, राकेश के मोबाइल में की गई सर्चिंग व यह तथ्य कि अंतिम बार बुलबुल को राकेश के साथ जीवित देखा गया, न्यायालय में प्रमाणित हुआ। इसके आधार पर न्यायालय ने उम्र कैद और तीन हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।
पत्नी को खुद ही डाक्टर के पास ले गया था
राकेश का विवाह तीन साल पूर्व हुआ था। परिवार में माता-पिता और एक दो साल का बेटा है। गला दबाकर हत्या करने के बाद राकेश पत्नी को खुद ही डाक्टर के पास ले गया था। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया था कि पत्नी लंबे समय से बीमार थी और खुद से ही गला दबा लिया। हालांकि सख्ती पर उसने अपराध करना स्वीकार कर लिया। गूगल सर्च पर बताए गए उपाय भी उसने अमल में लाने की कोशिश की थी।

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