Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ट्रेनों में सिर्फ हलाल मांस परोसने पर NHRC का रेलवे को नोटिस, दो हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 10:30 PM (IST)

    ट्रेनों में हलाल मांस परोसे जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मानवाधिकार आयोग ने रेलवे से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने रेलवे को एक शिकायत पर नोटिस जारी किया है कि ट्रेनों में केवल ‘हलाल प्रसंस्कृत मांस’ ही परोसा जाता है, जो अनुचित भेदभाव पैदा करता है और मानवाधिकारों का उल्लंघन है।

    Hero Image

    ट्रेनों में सिर्फ हलाल मांस परोसने पर NHRC का रेलवे को नोटिस (फोटो- एक्स)

    पीटीआई, नई दिल्ली। ट्रेनों में हलाल मांस परोसे जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मानवाधिकार आयोग ने रेलवे से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने रेलवे को एक शिकायत पर नोटिस जारी किया है कि ट्रेनों में केवल ‘हलाल प्रसंस्कृत मांस’ ही परोसा जाता है, जो अनुचित भेदभाव पैदा करता है और मानवाधिकारों का उल्लंघन है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शिकायत में आगे आरोप लगाया गया है कि भारतीय रेलवे की ट्रेनों में इस प्रथा के तहत हिंदू दलित समुदायों के लोगों को शामिल नहीं किया जाता है, जो पारंपरिक रूप से मांस व्यापार में काम करते हैं और इसलिए उनके आजीविका के अधिकार और समान अवसरों को नुकसान पहुंचता है। रेलवे अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

    एनएचआरसी ने 24 नवंबर को मामले से संबंधित कार्यवाही में कहा है कि शिकायत में लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया मानवाधिकारों का उल्लंघन प्रतीत होते हैं।

    एनएचआरसी ने कहा कि केवल हलाल मांस बेचने की प्रथा हिंदू अनुसूचित जाति समुदायों और अन्य गैर-मुस्लिम समुदायों की आजीविका को बुरी तरह प्रभावित करती है, इसलिए एक सरकारी एजेंसी होने के नाते रेलवे को भारत के संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना के अनुसार सभी धार्मिक आस्थाओं के लोगों के भोजन चुनने के अधिकार का सम्मान करना चाहिए।

    एनएचआरसी के सदस्य प्रियंक कानूनगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत भोपाल के सुनील अहिरवार की शिकायत पर संज्ञान लिया है।

    पीठ ने कहा कि रजिस्ट्री को रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली के अध्यक्ष को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच करने और आयोग के अवलोकन के लिए दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है।