'स्कूल फीस प्रक्रिया को आधुनिक बनाएं, यूपीआई का करें उपयोग', राज्यों से बोला शिक्षा मंत्रालय
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों से स्कूलों में यूपीआई के माध्यम से फीस संग्रह को आधुनिक बनाने का आग्रह किया है। इस पहल का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और अभिभावकों को सुविधा प्रदान करना है। मंत्रालय डिजिटल भुगतान के लाभों पर जोर दे रहा है, जिससे वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा मिलेगा और डिजिटल लेनदेन का उपयोग बढ़ेगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों से यूपीआई का उपयोग कर स्कूलों में फीस संग्रह की प्रक्रिया को आधुनिक बनाने कहा है, जिससे पारदर्शिता को बढ़ावा मिले और अभिभावकों को सुविधा हो सके। अपनी तरह के पहले कदम के तहत शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग यूपीआई, मोबाइल वॉलेट और नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म की बढ़ती पहुंच का लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है।
विभाग ने राज्यों और मंत्रालय के अधीन स्वायत्त निकायों को ऐसे तंत्रों का पता लगाने और उन्हें लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया है जो स्कूलों को सुरक्षित और पारदर्शी डिजिटल माध्यमों से प्रवेश और परीक्षा शुल्क एकत्र करने में सक्षम बनाते हैं।
पत्र में क्या कहा गया?
पत्र में उल्लेख किया गया है कि नकद भुगतान से डिजिटल भुगतान में बदलाव के कई फायदे हैं। अभिभावकों और छात्रों के लिए यह सुविधा स्कूल जाए बिना घर से भुगतान की क्षमता सुनिश्चित करता है।
खुल जाएगी लेनदेन की नई दुनिया
विभाग ने कहा कि स्कूलों में डिजिटल भुगतान की ओर कदम डिजिटल परिवर्तन के व्यापक लक्ष्य के साथ जोड़ने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इससे सभी हितधारकों को वित्तीय रूप से अधिक साक्षर बनने में मदद मिलेगी, जिससे डिजिटल लेनदेन की एक बड़ी दुनिया खुल जाएगी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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