'शूटिंग की बोलकर असली में 17 लोगों को बंधक बना लिया', रोहित आर्या के वीडियोग्राफर ने बताई अंदर की कहानी
मुंबई के पवई में 17 बच्चों को बंधक बनाने के बाद पुलिस की गोली से मारे गए रोहित आर्य का मामले में उसके साथ कई सालों से साथ काम कर चुके वीडियोग्राफर रोहन अहेर ने भयावह घटना को लेकर बड़े खुलासे किए। उसने बताया कि पल भर में स्टूडियो में फिल्म की शूटिंग एक भयावह वास्तविक जीवन में बदल गई।

'शूटिंग की बोलकर असली में 17 लोगों को बंधक बना लिया', वीडियोग्राफर ने बताई अंदर की कहानी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई के पवई में 17 बच्चों को बंधक बनाने के बाद पुलिस की गोली से मारे गए रोहित आर्य का मामले में उसके साथ कई सालों से साथ काम कर चुके वीडियोग्राफर रोहन अहेर ने भयावह घटना को लेकर बड़े खुलासे किए। उसने बताया कि पल भर में स्टूडियो में फिल्म की शूटिंग एक भयावह वास्तविक जीवन में बदल गई।
17 लोगों को सच में बंधक बना लिया
रोहित आर्य एक टीम के साथ काम करता था और अक्सर स्टूडियो को किराए पर लेता था। तो इस बार भी कुछ ऐसा ही था रोहित ने अपने दल से कहा कि वह एक बंधक दृश्य की शूटिंग करने जा रहा है, जिसमें कुछ बच्चों और बड़ों की जरूरत होगी लेकिन उसने पवई की एक इमारत में 17 लोगों को सच में बंधक बना लिया।
आर्या ने गुरुवार को पवई स्थित आरए स्टूडियो के अंदर 17 बच्चों और दो वयस्कों को बंधक बना लिया था, जिसके बाद बचाव अभियान के दौरान पुलिस ने उसे मार गिराया था।
वीडियोग्राफर रोहन पिछले 10 वर्षों से आर्या के साथ काम कर रहे थे
वीडियोग्राफर रोहन अहेर, जो पिछले 10 वर्षों से आर्या के साथ काम कर रहे थे और तीन घंटे के नाटक के दौरान मुख्य गवाह थे, उन्होंने मीडिया के सामने घटनाक्रम का विवरण दिया। अहेर ने कहा कि टीम के किसी भी सदस्य को इस बात का जरा भी आभास नहीं था कि वह क्या योजना बना रहे हैं जो भयानक रूप लेने वाला है।
अहेर ने बताया कि बुधवार को आर्या ने उन्हें बताया कि वे बच्चों से जुड़ी एक बंधक कहानी की शूटिंग करने जा रहे हैं। आर्या ने उन्हें शूटिंग के लिए पांच लीटर पेट्रोल और पटाखे लाने को भी कहा, लेकिन अहेर ने निर्देशों का पालन नहीं किया, क्योंकि स्टूडियो में बच्चे भी होने वाले थे।
अचानक सभी दरवाजे बंद कर दिए
लेकिन गुरुवार सुबह तक, रील और रियल के बीच की रेखा मिट चुकी थी। जब अहेर स्टूडियो पहुंचा, तो उसे बताया गया कि ऊपर किसी को जाने की इजाजत नहीं है। बाद में आर्या आया और उसने सभी प्रवेश द्वार बंद करने को कहा, यह कहते हुए कि वे आग लगने का एक दृश्य शूट करने वाले हैं। कुछ ही पल बाद, आर्या ने रबर का घोल डाला और डरे हुए बच्चों के सामने उसे आग लगा दी।
आर्या ने उससे स्टूडियो के गेट और सभी प्रवेश द्वार बंद करने को भी कहा। उन्होंने बताया कि इसके बाद आर्या ने रबर का घोल बच्चों के सामने ही उसमें आग लगा दी।
एयर गन से लोगों को धमकाया
अहेर और बाकी लोग डर गए और उसे ऐसा न करने को कहा, जब लोग ज्यादा मना करने लगे तो आर्या ने अहेर की तरफ एयर गन से धमकाया और कोने में खड़े होने को कहा। तभी अहेर स्टूडियो से बाहर भागा और बाहर खड़े लोगों से कहा कि वे पुलिस को बुला लें।
इसके बाद वह ऊपर गया और स्टूडियो की एक खिड़की के शीशे को हथौड़े से तोड़ दिया (अंदर मौजूद बच्चों को बचाने के प्रयास में), जिससे उसके हाथ में चोट लग गई, अहेर ने बताया, आर्य ने उसकी आंखों में मिर्च स्प्रे छिड़क दिया, जिससे वह सीढ़ियों से नीचे गिर गया।
पुलिस की गोलीबारी में हुई मौत
पुलिस जल्द ही वहां पहुंच गई और आर्या से बातचीत शुरू कर दी। अहेर किसी तरह चुपके से अंदर घुस गया और कई बच्चों को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया, लेकिन गोलीबारी शुरू होने पर चार बच्चे फंसे रहे। आर्या को सीने में गोली लगी और अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।

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