Russian S-400 vs Chinese HQ-9: चीनी डिफेंस सिस्टम की तुलना में कितनी ताकतवर है S-400 मिसाइल, जानें दोनों में अंतर
Russian S-400 vs Chinese HQ-9 चीन ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस को मजबूत करने के लिए HQ-9 सिस्टम को सौंपा है। आखिर रूस की तुलना में चीनी डिफेंस सिस्टम कितना ताकतवर है। रूसी एस-400 और चीन के मिसाइल सिस्टम में क्या अंतर है।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Russian S-400 vs Chinese HQ-9: भारत और पड़ोसी मुल्कों (चीन और पाकिस्तान) के तल्ख संबंधों के बीच रूस की S-400 मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति सुर्खियों में है। रूस ने कहा है कि इसकी आपूर्ति तय समय से हो रही है। चीन के पास अपना एयर डिफेंस सिस्टम है। पाकिस्तान ने भी अपनी सैन्य रणनीति के तहत चीन से एयर डिफेंस सिस्टम लिया है। चीन ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस को मजबूत करने के लिए HQ-9 सिस्टम को सौंपा है। ऐसे में यह जिज्ञासा उत्पन्न होती है कि रूस की तुलना में चीनी डिफेंस सिस्टम कितना ताकतवर है। इसके साथ यह जानेंगे कि रूसी S-400 और चीन के मिसाइल सिस्टम में क्या अंतर है। जंग के मैदान में कौन सा सिस्टम ज्यादा प्रभावशाली है।
चीनी एयर डिफेंस सिस्टम की क्या हैं खूबियां
- चीन ने पिछले वर्ष पाकिस्तान को स्वदेशी तकनीक पर विकसित हाई टू मीडियम एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 सौंपा था। इस सिस्टम में लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लगी होती हैं। इस मिसाइल सिस्टम को चाइना प्रेसिजन मशीनरी इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन ने विकसित किया है। इस डिफेंस सिस्टम की लंबाई 6.8 मीटर है। इसका वजन करीब 2000 किलोग्राम तक होता है। यह हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल, हेलीकाप्टर, विमान, मानव रहित विमान, गाइडेड बम और टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल जैसे कई खतरों को रोक सकता है।
S-400 डिफेंस सिस्टम की खूबियां
- रूसी एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से गिरा सकता है। यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। यह सिस्टम रूस के ही S-300 का अपग्रेडेड वर्जन है। यह एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है। भारतीय सेना में शामिल होने के बाद सीमाओं की सुरक्षा अधिक और हमले का खतरा कम हो जाता है। यह सिस्टम किसी भी संभावित हवाई हमले का पता पहले ही लगा लेता है। इससे दुश्मन के इरादों का पता पहले ही लग जाता है और सेना आसानी से सतर्क हो जाती है।
रूस के सहयोगी राष्ट्र सर्बिया के पास चीन विमान रोधी मिसाइल
चीन ने रूस के सहयोगी सर्बिया को भी आधुनिक विमान रोधी प्रणाली HQ-22 की आपूर्ति की है। चीन ने यह डील काफी गुपचुप तरीके से की थी। माना जा रहा है कि अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को यूक्रेन युद्ध में व्यस्त देख चीन ने इन हथियारों की सप्लाई की है। कुछ समय पहले ही पश्चिमी देशों ने सर्बिया को हथियार दिए जाने पर चिंता जताई थी। उन्होंने दावा किया था यूक्रेन युद्ध के बीच सर्बिया जैसे देश को हथियारों की आपूर्ति करने से क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। चीन और सर्बिया के संबंध काफी पुराने हैं। गृहयुद्ध के समय से ही चीन ने सर्बिया की मदद की है, जबकि अमेरिका के साथ इनके संबंध तनावपूर्ण हैं।
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