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    Russian S-400 vs Chinese HQ-9: चीनी डिफेंस सिस्‍टम की तुलना में कितनी ताकतवर है S-400 मिसाइल, जानें दोनों में अंतर

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Mon, 25 Jul 2022 08:51 PM (IST)

    Russian S-400 vs Chinese HQ-9 चीन ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस को मजबूत करने के लिए HQ-9 सिस्टम को सौंपा है। आखिर रूस की तुलना में चीनी डिफेंस सिस्‍टम कितना ताकतवर है। रूसी एस-400 और चीन के मिसाइल सिस्टम में क्‍या अंतर है।

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    Russian S-400 vs Chinese HQ-9: पाक सेना में शामिल चीनी HQ-9 डिफेंस सिस्‍टम। एजेंसी।

    नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। Russian S-400 vs Chinese HQ-9: भारत और पड़ोसी मुल्‍कों (चीन और पाकिस्‍तान) के तल्‍ख संबंधों के बीच रूस की S-400 मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति सुर्खियों में है। रूस ने कहा है कि इसकी आपूर्ति तय समय से हो रही है। चीन के पास अपना एयर डिफेंस सिस्‍टम है। पाकिस्‍तान ने भी अपनी सैन्‍य रणनीति के तहत चीन से एयर डिफेंस सिस्‍टम लिया है। चीन ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस को मजबूत करने के लिए HQ-9 सिस्टम को सौंपा है। ऐसे में यह जिज्ञासा उत्‍पन्‍न होती है कि रूस की तुलना में चीनी डिफेंस सिस्‍टम कितना ताकतवर है। इसके साथ यह जानेंगे कि रूसी S-400 और चीन के मिसाइल सिस्टम में क्‍या अंतर है। जंग के मैदान में कौन सा सिस्‍टम ज्‍यादा प्रभावशाली है।

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    चीनी एयर डिफेंस सिस्‍टम की क्‍या हैं खूबियां

    • चीन ने पिछले वर्ष पाकिस्तान को स्वदेशी तकनीक पर विकसित हाई टू मीडियम एयर डिफेंस सिस्‍टम HQ-9 सौंपा था। इस सिस्टम में लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लगी होती हैं। इस मिसाइल सिस्टम को चाइना प्रेसिजन मशीनरी इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन ने विकसित किया है। इस डिफेंस स‍िस्‍टम की लंबाई 6.8 मीटर है। इसका वजन करीब 2000 किलोग्राम तक होता है। यह हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल, हेलीकाप्टर, विमान, मानव रहित विमान, गाइडेड बम और टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल जैसे कई खतरों को रोक सकता है।

  • चीन के पास HQ-9 मिसाइल सिस्टम के कई वेरियंट है। इसकी अधिकतम रेंज 100 किलोमीटर से 300 किलोमीटर तक है। चीन की मिसाइल सिस्‍टम हासिल होने के बाद पाकिस्‍तान का दावा था कि इससे पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा काफी मजबूत हुई है। पाक का यह भी दावा था कि यह एयर डिफेंस सिस्‍टम एक साथ कई लक्ष्‍यों को एक साथ निशाना बना कर सकता है। विशेषज्ञों का दावा है कि चीन ने इस मिसाइल सिस्टम को रूस के एस-300 और अमेरिका के एमआईएम-104 पैट्रियट मिसाइल सिस्टम की तकनीक पर विकसित किया है।
  • चीन की HQ-9 मिसाइल सिस्टम टू स्टेज में काम करती है। इसकी मिसाइल अधिकतम 4.2 मैक की स्पीड से उड़ान भर सकती है। यह मिसाइल 180 किलोग्राम के हाई एक्सप्लोसिव वारहेड को 200 किलोमीटर की अधिकतम सीमा और 30 किमी की ऊंचाई तक ले जा सकती है। इस मिसाइल सिस्टम की बैटरी में टाइप 120 लो-एल्टीट्यूड एक्विजिशन रडार, टाइप 305A 3D एक्विजिशन रडार, H-200 मोबाइल एंगेजमेंट रडार और टाइप 305B 3D एक्विजिशन रडार शामिल हैं। चीन ने अपने डिफेंस सिस्‍टम के अलग-अलग वेरिएंट को पाकिस्तान के अलावा अल्जीरिया, ईरान, इराक, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों को निर्यात किए हैं।

  • चीन का HQ-9 मीडियम और लांग रेंज का सरफेस टू एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। HQ-22 को चीन के पुराने HQ-2 मिसाइल को अपग्रेड कर बनाया गया है। HQ-22 को चीन की जियांगन स्पेस इंडस्ट्री ने बनाया है। यह कंपनी को बेस 061 के नाम से भी जाना जाता है जो चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कार्पोरेशन लिमिटेड का एक हिस्सा है। चीन ने इस मिसाइल सिस्टम को 2016 में जुहाई एयरशो में पहली बार सार्वजनिक रूप से FK-3 के उन्नत संस्करण के रूप में प्रदर्शित किया था।
  • S-400 डिफेंस सिस्टम की खूबियां

    • रूसी एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से गिरा सकता है। यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। यह सिस्टम रूस के ही S-300 का अपग्रेडेड वर्जन है। यह एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है। भारतीय सेना में शामिल होने के बाद सीमाओं की सुरक्षा अधिक और हमले का खतरा कम हो जाता है। यह सिस्टम किसी भी संभावित हवाई हमले का पता पहले ही लगा लेता है। इससे दुश्‍मन के इरादों का पता पहले ही लग जाता है और सेना आसानी से सतर्क हो जाती है।

  • S-400 के रडार 100 से 300 टारगेट एक साथ ट्रैक कर सकते हैं। वह 600 किमी तक की रेंज में ट्रैकिंग कर सकता है। इसमें लगी मिसाइलें 30 किमी ऊंचाई और 400 किमी की दूरी में किसी भी टारगेट को भेद सकती हैं। इससे जमीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है। एक ही समय में यह 400 किमी तक 36 टारगेट को एक साथ मार सकती है। इसमें 12 लांचर होते हैं, यह तीन मिसाइल एक साथ दाग सकता है और इसे तैनात करने में पांच मिनट लगते हैं।

  • यह दुनिया का सबसे एडवांस डिफेंस सिस्टम है। इसमें चार तरह की मिसाइल होती हैं। एक मिसाइल 400 किमी की रेंज वाली होती है, दूसरी 250 किमी, तीसरी 120 और चौथी 40 किमी की रेंज वाली होती है। रूस का यह हथियार अपनी कैटेगरी में दुनिया में सबसे बेहतरीन माना जाता है।
  • रूस के सहयोगी राष्‍ट्र सर्बिया के पास चीन विमान रोधी मिसाइल

    चीन ने रूस के सहयोगी सर्बिया को भी आधुनिक विमान रोधी प्रणाली HQ-22 की आपूर्ति की है। चीन ने यह डील काफी गुपचुप तरीके से की थी। माना जा रहा है कि अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को यूक्रेन युद्ध में व्यस्त देख चीन ने इन हथियारों की सप्लाई की है। कुछ समय पहले ही पश्चिमी देशों ने सर्बिया को हथियार दिए जाने पर चिंता जताई थी। उन्होंने दावा किया था यूक्रेन युद्ध के बीच सर्बिया जैसे देश को हथियारों की आपूर्ति करने से क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। चीन और सर्बिया के संबंध काफी पुराने हैं। गृहयुद्ध के समय से ही चीन ने सर्बिया की मदद की है, जबकि अमेरिका के साथ इनके संबंध तनावपूर्ण हैं।