Move to Jagran APP

ट्रेन का नाम तय करने के लिए अपनाते हैं ये फॉर्मूला; क्या है दुरंतो, शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस का इतिहास?

शताब्दी एक्सप्रेस भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के 100वें जन्मदिन पर 1989 में शुरू की गई थी। 100 साल को शताब्दी कहा जाता है इसलिए इस ट्रेन का नाम शताब्दी एक्सप्रेस रखा गया था। भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है।

By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariPublished: Fri, 02 Jun 2023 02:49 PM (IST)Updated: Fri, 02 Jun 2023 02:49 PM (IST)
ट्रेन का नाम तय करने के लिए अपनाते हैं ये फॉर्मूला; क्या है दुरंतो, शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस का इतिहास?
इस फॉर्मूला के साथ ट्रेन का नाम तय करती है भारतीय रेलवे

नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। हम सबने कभी-न-कभी तो ट्रेन में सफर किया ही होगा और इसका लुत्फ भी उठाया होगा। भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे बड़ी रेलवे मानी जाती है। इसके प्रबंधन को लेकर भी सरकार पूरी प्लानिंग करती है। क्या आपने इस बात पर कभी गौर किया है कि भारतीय रेलवे में सभी ट्रेनों का नाम कैसे तय किया जाता है।

loksabha election banner

इस खबर में हम आपको बताएंगे कि सरकार ट्रेन का नाम रखने के लिए कौन-से फार्मूला का इस्तेमाल करती है। किसी भी ट्रेन का नाम इस तरह से रखा जाता है कि इसका नाम सुनते ही समझ आ सके कि आखिर यह ट्रेन कहां जाने वाली है। दरअसल, कुछ ट्रेन का नाम उनके गंतव्य स्थान के आधार पर रखा जाता है, तो कुछ का नाम उनकी गति आदि को ध्यान में रखते हुए रखा जाता है।

इस फॉर्मूले पर काम करती है सरकार

भारतीय रेलवे में ज्यादातर ट्रेनों का नाम उसके खुलने और गंतव्य स्थान के नाम के आधार पर रखा जाता है। इसको ऐसे समझ सकते हैं कि दिल्ली से पटना जाने वाली ट्रेन का नाम दिल्ली-पटना एक्सप्रेस या दिल्ली से हावड़ा जाने वाली ट्रेन का नाम दिल्ली-हावड़ा एक्सप्रेस रखा जाता है।

इसके अलावा, सरकार इस बात पर भी गौर करती है कि आखिर यह ट्रेन कहां जा रही है। यदि यह ट्रेन किसी धार्मिक या पौराणिक स्थल वाली जगह पर जा रही है, तो ट्रेन का नाम भी उसी के आधार पर रखा जाता है। जैसे वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस, बिहार के वैशाली तक जाती है।

वैशाली भगवान बुद्ध से जुड़ी हुई जगह है। इसका दूसरा उदाहरण हम काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस ले सकते हैं। यह उत्तर प्रदेश के काशी तक जाती है, जो भगवान भोलेनाथ की नगरी है।

हालांकि, इसके अलावा भी कुछ ऐसी ट्रेन होती हैं, जिनका नाम उनकी विशेषता के आधार पर रखा जाता है। इसमें आप राजधानी, शताब्दी और दुरन्तो एक्सप्रेस को रख सकते हैं। इन ट्रेनों का नाम उनकी खासियत के आधार पर रखा जाता है।

दो राजधानियों को जोड़ती है राजधानी एक्सप्रेस

अगर राजधानी एक्सप्रेस की बात करें, तो इस ट्रेन का नाम राजधानी एक्सप्रेस इसलिए रखा जाता है, क्योंकि यह ट्रेन केवल राजधानी स्टेशन पर ही रुकती है। यह ट्रेन राज्य की राजधानियों को जोड़ती है। इस ट्रेन की अधिकतम गति 140 किलोमीटर प्रति घंटा है। यहां तक कि अन्य कुछ ट्रेनें इसको रास्ता देकर आगे निकालने के लिए बाध्य होती हैं। पहली राजधानी एक्सप्रेस 3 मार्च, 1969 में राजधानी दिल्ली से हावड़ा के लिए चली थी।

जवाहरलाल नेहरू से जुड़ी शताब्दी की कहानी

शताब्दी एक्सप्रेस की बात करें, तो इसे 1989 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के 100वें जन्मदिन पर शुरू किया गया था। इसी कारण इसका नाम शताब्दी एक्सप्रेस रखा गया है। तत्कालीन रेल मंत्री माधवराव सिंधिया ने नई दिल्ली और झांसी जंक्शन के बीच चलने वाली इस ट्रेन का उदघाटन किया था। इस ट्रेन की स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।

बंगाली शब्द से निकला दुरन्तो का नाम

दुरन्तो एक्सप्रेस का नाम बंगाली शब्द पर रखा गया है। दरअसल, बंगाली में दुरन्तो का मतलब निर्बाध यानी बिना रुकावट होता है। भारतीय रेलवे की ओर से दुरन्तो एक्सप्रेस 19 जनवरी, 2009 को नई दिल्ली से सियालदह रेलवे स्टेशन के बीच पहली बार दौड़ी थी। यह ट्रेन भी अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के बीच काफी कम रुकती है। इसकी स्पीड 140 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।

आधुनिक तकनीकों से लैस है वंदे भारत एक्सप्रेस

इस ट्रेन को हाल ही में भारत सरकार की ओर से शुरू किया गया है। इस ट्रेन का नाम भारत के एक मिशन की ओर संकेत करता है। इस ट्रेन को सबसे आधुनिक तकनीकों से लैस बताया गया है। हालांकि, अभी यह ट्रेन सभी रूट पर नहीं चली है, लेकिन उम्मीद है कि अपने इस योजना के तहत वंदे भारत को देश के हर कोने से जोड़ा जाएगा।

पहली वंदे भारत ट्रेन 15 फरवरी, 2019 को वाराणसी से नई दिल्ली के बीच चली थी। इसके बाद से लगातार नए-नए राज्यों में इसकी शुरुआत की गई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.