NIA कैसे करती है Investigation, अधिकारियों के पास कितनी होती है Power? यहां जानिए सबकुछ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भारत में आतंकवाद और गंभीर अपराधों की जांच के लिए एक प्रमुख एजेंसी है। एनआईए का गठन 2008 में हुआ था और यह आतंकवाद से मुकाबला करने मानव तस्करी साइबर अपराध विस्फोटक पदार्थों से जुड़े अपराधों और अन्य गंभीर अपराधों की जांच करती है। एनआईए के पास विशेष अधिकार और शक्तियां हैं और यह देश भर में फैले अपने कार्यालयों के माध्यम से काम करती है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। What Is NIA: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई। इस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सरकार ने कई बड़े एक्शन लिए हैं।
इस आंतकी हमले की जांच सरकार ने एनआईए को सौंपी है। एनआईए इस मामले की जांच में भी जुट गई है आइए आपको बताते हैं कि एनआईए काम कैसे करता है, इसका गठन कब किया गया था और एनआईए के पास कितनी पावर होती है?
क्या है एनआईए?
- एनआईए (NIA) का पूरा नाम National Investigation Agency है। इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नाम से भी जाना जाता है। अमूमन जब भी देश के किसी भी हिस्से में कुछ संदिग्ध गतिविधियां होती हैं तो केंद्र सरकार उस मामले की जांच एनआईए को सौंप सकती है। एनआईए का गठन साल 2008 में किया गया था।
- दरअसल, 26/11 के आतंकी हमले के बाद सरकार ने आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए एक केंद्रीय जांच एजेंसी स्थापित करने की योजना बनाई। एजेंसी का गठन एनआईए अधिनियम-2008 के तहत किया गया है।
- इस जांच एजेंसी के पहले महानिदेशक राधा विनोद राजू थे। राजू दास का कार्यकाल 31 जनवरी 2010 तक था। जानकारी दें कि NIA का उद्देश्य देश में आतंकवादी गतिविधियों को रोकना है और भारत से आतंकवाद समाप्त करना है।
देश के किन कानूनों के तहत NIA को मिले अधिकार?
केंद्र सरकार ने एनआईए (संशोधन) अधिनियम 2019 के जरिए भारत के बाहर होने वाले कई सूचीबद्ध अपराधों की जांच का भी अधिकार इस जांच एजेंसी को दिया है। हालांकि, इन अपराधों में भारतीय नागरिकों का शामिल होना, भारत का इनसे संबंध होना आवश्यक है। इसके अलावा मानव तस्करी, साइबर आतंकवाद और हथियार अधिनियम-1959, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम-1908 के जरिए भी जांच एजेंसी को कई अधिकार दिए गए हैं।
एनआईए के जांचों का दायरा
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के पास मानव तस्करी, जाली मुद्रा और बैंक नोटों से जुड़े अपराध, साइबर आतंकवाद, विस्फोटक पदार्थों से जुड़े क्राइम, प्रतिबंधित हथियारों के निर्माण, प्रतिबंधित हथियारों की बिक्री से जुड़े अपराधों के जांच का अधिकार होता है।
वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारियों के पास ऐसे सभी प्रकार के अपराधों की जांच के लिए पुलिस के अधिकारियों जितनी ही शक्तियां प्राप्त होती हैं।
कैसे किया जाता है NIA का गठन
ध्यान देने वाली बात है कि एनआईए के अधिकारियों के लिए किसी प्रकार की कोई भर्ती अलग से करने का प्रावधान नहीं है। इन्हें भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) जैसी केंद्रीय सेवाओं के अलावा राज्य पुलिस और आयकर विभाग और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों जैसे सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ के अधिकारियों में से ही चुना जाता है।
कहां है एनआईए का मुख्यालय?
गौरतलब है कि दिसंबर साल 2024 में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। वहीं, इस जांच एजेंसी के दो जोनल कार्यालय भी हैं। जो गुवाहाटी और जम्मू में स्थित हैं। पूरे देश में इस जांच एजेंसी के 21 शाखा कार्यालय भी फैले हुए हैं।
एनआईए के पास मौजूद हैं स्पेशल कोर्ट
एनआईए के पास अपना स्पेशल कोर्ट भी होता है। सरकार ने देश भर में कुल 51 एनआईए स्पेशल कोर्ट भी स्थापित किए हैं। इनमें से एक एनआईए स्पेशल कोर्ट रांची और एक एनआईए कोर्ट जम्मू में स्थित है। इन सभी न्यायालयों को खास तौर से एनआईए की जांच के अधीन आने वाले मामलों की सुनवाई के लिए स्थापित किया गया है।
इन न्यायालयों में मामलों की सुनवाई काफी जल्दी होती है। वहीं, फैसले भी जल्दी आते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए के गठन के बाद से दिसंबर 2024 तक 640 केस दर्ज किए थे। वहीं, इन मामलों में से 147 मामलों में फैसला भी आ चुका है। एनआईए कोर्ट में सजा की दर 95.23 प्रतिशत रहती है।
पहलगाम मामले की जांच कर रही है एनआईए
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच भी गृहमंत्रालय ने एनआईए को सौंपी है। एनआईए पहलगाम पहुंच गई है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया था। इस आतंकी हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है। सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की मांग देशवासी कर रहे हैं।
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