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    Army Vs Paramilitary: मिलिट्री से कितना अलग है पैरामिलिट्री, कैसे करती है काम? यहां पढ़ें सबकुछ

    By Babli KumariEdited By: Babli Kumari
    Updated: Sun, 04 Jun 2023 03:06 PM (IST)

    Army Vs Paramilitary अगर हम और आप अपने घरों में बेखौफ और सुरक्षित महसूस करते है तो उसके पीछे भारतीय सेना और हमारे जवानों का योगदान है। भारतीय सेना दुनिया के कुछ प्रमुख सेनाओ में से एक है। अमेरिका और चीन के बाद आता है इंडियन आर्मी का नंबर। भारतीय सेनाओं की सर्वोच्च कमान हमारे देश के राष्ट्रपति के हाथों में होती है।

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    मिलिट्री से कितना अलग है पैरामिलिट्री (जागरण ग्राफिक्स)

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Army Vs Paramilitary: हर देश अपने नागरिक और देश की संपत्ति की सुरक्षा के लिए जागरूक रहता है। सभी देश अपने बाहरी और आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए चौकस रहता है। हमारा देश भी इससे अलग नहीं है। भारतीय सेना दुनिया की कुछ सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है। भारतीय सेना रक्षा बलों में भी सबसे बड़ा है और सक्रिय बलों की अगर बात करें तो सेना का आकार हमारे देश में बहुत बड़ा है। भारतीय सेनाओं की सर्वोच्च कमान हमारे देश के राष्ट्रपति के हाथों में होती है। 

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    भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना है। भारतीय सेना की जिम्मेदारी है कि वह राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आन्तरिक खतरों से बचाए और अपनी सीमाओं पर शान्ति और सुरक्षा को बनाए रखे। वहीं हमारे सेना के जवान प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान भी मानवीय बचाव अभियान भी चलाते हैं।

    अगर बात भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के अंतर की है तो, दोनों ही सेनाओं में कई अंतर मिलेंगे। जैसे भारतीय सेना देश के बाहरी खतरों से निपटने के लिए होती है, और इसे आंतरिक मोर्चों पर तैनात नहीं किया जाता है। तो वहीं अगर हम अर्धसैनिक बलों के जवानों की बात करें तो इनकी तैनाती देश के अंदर के खतरों जैसे कि नक्सल समस्या, महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा, वीआइपी सिक्योरिटी या अन्य आंतरिक मोर्चों पर किया जाता है। इसके साथ ही साथ अर्धसैनिक बलों के अंतर्गत आते हैं बीएसऍफ़ (BSF) और आईटीबीपी (ITBP) जैसे सुरक्षा बल। इन सुरक्षा बलों को सीमा सुरक्षा के लिए भी तैनात किया जाता है। 

    इन पॉइंट्स के जरिए जानें इंडियन आर्मी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य:

    • युद्ध क्षेत्र में भी की जाती है भारतीय सेना की तैनाती।
    • आर्मी, नेवी और एयरफोर्स भी आते हैं भारतीय सेना के अंतर्गत।
    • रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आती है भारतीय सेना ।
    • वर्ष 1776 में कोलकाता के ईस्ट इंडिया कंपनी के सरकार के दौरान इंडियन आर्मी का हुआ था गठन। 
    • अमेरिका और चीन के बाद आता है इंडियन आर्मी का नंबर।
    •  इंडियन आर्मड फोर्सेज में नहीं मिलती जाति या धर्म के आधार पर आरक्षण।

    क्या होता है पैरामिलिट्री फोर्स?

    अर्धसैनिक बल कई मायनों में भारतीय आर्मी से अलग होता है इसके नाम से ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है: अर्ध अर्थात आधा... अर्थात जवानों की वह टुकड़ी जो पूर्णत: सैनिक का कार्य ना निभाकर आंशिक रूप से सैन्य बल का काम करती है। अर्धसैन्य बल सैनिक सेवा के साथ साथ पुलिस सेवा भी करता है। यह बल गृह मंत्रालय के आदशों का पालन करता है।

    अर्धसैन्य बल के जवानों को किसी भी उद्देश्य से देश के किसी भी हिस्से में तैनात किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर देश में चुनाव कभी कभी ही होते हैं जैसे कि पाँच साल बाद ही किसी क्षेत्र विशेष में चुनाव होते हैं तथा चुनावों में तनावपूर्ण स्थिति बनने के आसार बने रहते हैं। ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए सरकार अर्धसैन्य बल का प्रयोग करती है। चुनाव में सेवा के लिए SSB अर्थात साशस्त्र सीमा बल के जवानों को तैनात किया जाता है जिनकी तैनाती गृह मंत्रालय के आदेश पर की जाती है जो कि कुछ समय के लिए होती है। चुनाव पूर्ण होते ही इन जवानों की तैनाती हटा ली जाती है इस प्रकार से सरकार इन सैन्य शक्तियों का समय समय पर प्रयोग करती है।

    भारत सरकार के पास इस समय सात पैरामिलिट्री फोर्स हैं आइए जानते हैं इनके बारे में:

    असम राइफल्स (AR)

    सीमा सुरक्षा बल (BSF)

    केन्द्रीय औधोगिक सुरक्षा बल (CISF)

    केन्द्रीय आरक्षित सुरक्षा बल (CISF)

    इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)

    राष्ट्रीय सुरक्षा रक्षक (NSG)

    सशस्त्र सीमा बल (SSB)

    क्या होती है आर्मी प्लाटून?

    एक प्लाटून या पलटून या पल्टन तीन फाईल से बनती है। हर फाईल में आठ जवान होते हैं। अतः एक पल्टन में चौबीस जवान होते हैं। विषम स्थिति में कम या ज्यादा भी हो सकते हैं। यह ऐसे जवान होते हैं जो जूडो, कराटे किकबॉक्सिंग और मार्शल आर्ट जैसी तकनीक सिखाई जाती हैं। ऐसा नहीं है कि ये सैनिक सिर्फ बिना हथियारों के ही लड़ते हैं। हथियारों की भी इनके पास बेहतरीन ट्रेनिंग होती है।

    प्लाटून में चुना जाना किसी भी जवान के लिए गर्व की बात होती है, क्योंकि वे अपने यूनिट के सबसे तगड़े जवान माने जाते हैं। बिना हथियारों के लड़ने की काबिलियत के अलावा, उन्हें शूटिंग करने की, पानी, कचरे और दलदल जैसी मुश्किल जगहों पर जाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है। ये सैनिक कई दूसरी तरह की कठिन ट्रेनिंग से भी गुजरते हैं। यूनिट के सैनिकों को नक्शा समझने, कम राशन और दुर्गम जगहों पर रहने के लिए जीवन रक्षा प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

    क्या होती है रेजिमेंट?

    आसान शब्दों में कहें तो रेजिमेंट सैनिकों के एक ऐसे समूह को कहते हैं, जो एक नियम और व्यवस्था के क्रम से बंधा होता है। हर रेजीमेंट का अपना विशिष्ट रंग, वर्दी और प्रतीक चिन्ह और युद्ध क्षेत्र में उपलब्धियां होती हैं। एक रेजिमेंट सैन्य बलों के संगठन का एक हिस्सा होती हैं जिसमें बटालियन शामिल हो सकते हैं, जो छोटी लड़ाकू इकाइयां हैं। गार्ड्स ऑफ ब्रिगेड, राजपूताना राइफल्स, गोरखा राइफल्स, पंजाब रेजिमेंट आदि भारतीय सेना की कुछ ऐसी रेजिमेंट हैं जिनसे मिलकर भारतीय सेना की इन्फैंट्री रजिमेंट बनती है।