नगालैंड के लोकायुक्त दिल्ली में रहकर कैसे कर सकते हैं काम : सुप्रीम कोर्ट
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब राज्य के अधिवक्ता ने दावा किया कि लोकायुक्त ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं और वह दिल्ली से काम करना चाहते हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि नगालैंड के लोकायुक्त दिल्ली में रहते हुए किस तरह से अपना काम कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करके वह अपने पद की गरिमा कम कर रहे हैं। मेघालय हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश उमा नाथ सिंह नगालैंड के लोकायुक्त हैं।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब राज्य के अधिवक्ता ने दावा किया कि लोकायुक्त ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं और वह दिल्ली से काम करना चाहते हैं।
लोकायुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि राज्य सरकार उन्हें हटाना चाहती है, लेकिन लोकायुक्त को पद से हटाने की एक प्रक्रिया है, जिसका पालन करना जरूरी है।
इस पर पीठ ने कहा कि हम आपसे (सिंह) सहमत नहीं हैं। हम यह समझ नहीं पा रहे हैं। महामारी का समय होने की वजह से दिल्ली में बैठा एक व्यक्ति कैसे लोकायुक्त हो सकता है। आप अपने पद की गरिमा कम कर रहे हैं। शीर्ष अदालत नगालैंड में लोकायुक्त के कामकाज पर सवाल उठाने वाली राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।