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    पीरियड रोकने के लिए लड़की ने खाई दवा, चली गई जान; डॉक्टर ने बताया मौत का कारण

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 09:04 PM (IST)

    दिल्ली में एक 18 वर्षीय लड़की ने पीरियड रोकने के लिए हार्मोनल गोलियां लीं जिससे उसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस हो गया। डॉक्टर ने उसे अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी लेकिन पिता ने मना कर दिया। आधी रात को लड़की की मृत्यु हो गई। वैस्कुलर सर्जन डॉ. विवेकानंद ने बताया कि स्कैन में पता चला कि थक्का नाभि तक था।

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    डीप पेन थ्रोम्बोसिस से ग्रसित थी लड़की (फोटो: यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक 18 साल की लड़की ने पीरियड रोकने के लिए कुछ हार्मोनल गोलियां ले लीं और इसके कारण उसे डीप पेन थ्रोम्बोसिस से ग्रसित होना पड़ा। जब डॉक्टर ने उसे भर्ती करने के लिए कहा, तो उसके पिता ने मना कर दिया। लेकिन सुबह होती, उससे पहले ही आधी रात को लड़की की मौत हो गई।

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    इस घटना के बारे में वैस्कुलर सर्जन डॉ. विवेकानंद ने अपने रीबूटिंग द ब्रेन पॉडकास्ट में बताया। 14 अगस्त के एपिसोड में वह न्यूरोसर्जन डॉ. शरण श्रीनिवासन के साथ डीप वेन थ्रोम्बोसिस के साइलेंट खतरे के बारे में बात कर रहे थे। इस एपिसोड में डॉ. विवेकानंद ने उस लड़की का जिक्र किया।

    घर में पूजा के कारण खाई दवा

    डॉक्टर ने बताया कि उनके क्लिनिक में एक 18 साल की लड़की अपने दोस्तों के साथ आई थी। उनसे पैर और जांघ में दर्द और सूजन था। उसे काफी बैचैनी भी हो रही थी। डॉक्टर ने जब उससे पूछा कि यह कब शुरू हुआ, तो उसने बताया कि घर में पूजा के कारण उसने पीरियड रोकने के लिए कुछ हार्मोनल गोलियां ले ली थीं।

    डॉक्टर ने कहा कि जब हमने उसका स्कैन कराया, तो पता चला कि वह डीप पेन थ्रोम्बोसिस से ग्रसित है और यह थक्का उसके नाभि के पास तक था। डॉक्टर ने उसके पिता से बात की और लड़की को एडमिट करने के लिए कहा। लेकिन उसके पिता ने यह कहकर मना कर दिया कि उसकी मां कल लेकर आएगी।

    डॉ. विवेकानंद ने आगे कहा कि आधी रात को लगभग दो बजे मुझे कॉल आया कि एक लड़की को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है, जो सांस नहीं ले पा रही है। डॉक्टर ने कहा कि काफी देर हो चुकी थी और एक नन्ही जान चली गई। बता दें कि डीप वेन थ्रोम्बोसिस एक मेडिकल कंडीशन है, जहां गहरी नस में, आमतौर पर पैरों में रक्त का थक्का बन जाता है।

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