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    बिल्डरों की जब्त संपत्तियों से घर खरीदारों को लौटाया जाएगा पैसा, ED का बड़ा फैसला

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    केंद्र सरकार धोखाधड़ी के शिकार घर खरीदारों और बैंकों को राहत देने जा रही है। बिल्डरों की जब्त संपत्तियों से अब घर खरीदारों को पैसा लौटाया जाएगा। ईडी ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत जब्त संपत्तियों से पीड़ितों को पैसा वापस मिलेगा। आईबीबीआई ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। अब इंसाल्वेंसी प्रोफेशनल अदालत में शपथपत्र दाखिल कर संपत्तियां मुक्त करा सकेंगे।

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    घर खरीदारों को बड़ी राहत

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। धोखाधड़ी के शिकार घर खरीदारों और बैंकों को केंद्र सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। बिल्डरों की जब्त संपत्तियों से अब घर खरीदारों को पैसा लौटाया जाएगा।

    ईडी ने बुधवार को कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत एजेंसी द्वारा जब्त की गई दिवालिया कंपनियों और उनके प्रवर्तकों की संपत्तियों से अब पीडि़त पक्षों जैसे बैंकों या घर खरीदारों को पैसा वापस कर दिया जाएगा।

    घर खरीदारों को बड़ी राहत

    इसके लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया है।इंसाल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड (आइबीबीआइ) ने चार नवंबर को इस सिलसिले में एक परिपत्र जारी किया है। यह कदम ईडी और आइबीबीआइ के अधिकारियों के बीच हुई कई दौर की समन्वय बैठकों के बाद उठाया गया है।

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    एजेंसी ने कहा कि अब से इंसाल्वेंसी प्रोफेशनल (आइपी) विशेष मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष एक मानक शपथपत्र दाखिल करेंगे, ताकि ईडी द्वारा जब्त संपत्तियों को मुक्त कर प्रभावित पक्षों को लौटाया जा सके।

    ईडी लौटाएगी जब्त संपत्ति से पैसा

    अब तक कई मामलों में दिवालिया कंपनियों की संपत्तियां पीएमएलए के तहत जब्त थीं, जिससे उन्हें दिवाला समाधान प्रक्रिया में उपयोग करना कठिन था। इसे ध्यान में रखते हुए ईडी और आइबीबीआइ ने एक मानक तंत्र तैयार किया है, जिसके तहत जब्त संपत्तियों की बहाली की जा सकेगी।

    दिवालिया प्रक्रिया के चलते तमाम मामलों में ऐसी सैकड़ों संपत्तियां फंसी हैं।मान लीजिए कोई कंपनी कर्ज में डूबी हुई है और दिवालिया प्रक्रिया के तहत आती है। इस दौरान रिजाल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) कंपनी को बेचने या नया फाइनेंशियल प्लान बनाकर कर्ज चुकाने की कोशिश करता है।

    लेकिन अगर कंपनी या उसके प्रमोटर पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा हो, तो ईडी कंपनी की संपत्तियों को जब्त कर लेती है। परिणाम यह होता है कि दिवालिया प्रक्रिया रुक जाती है। फ्रीज होने के कारण संपत्तियों को बेचा नहीं जा सकता। इसका असर सीधे-सीधे बैंकों, निवेशकों और घर खरीदारों पर पड़ता है।

    दिवालिया प्रक्रिया में आएगी तेजी

    पीएमएलए के तहत प्रभावित पक्षों जैसे कि बैंकों और धोखाधड़ी का शिकार हुए घर खरीदारों को उनकी संपत्ति की क्षतिपूर्ति या बहाली के लिए प्रविधान किया गया है। ईडी ने कहा कि यह प्रक्रिया अब समाधान पेशेवरों को पीएमएलए के तहत आवेदन देकर ऐसी संपत्तियों की बहाली करने में सक्षम बनाती है।

    ईडी के अनुसार, यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि बहाल की गई संपत्तियों का उपयोग केवल ऋणदाताओं के हित में हो। किसी भी स्थिति में आरोपित या प्रवर्तक को कोई लाभ न मिले और पूरी प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता व अनुपालन बना रहे। इस कदम से दिवाला समाधान प्रक्रिया में तेजी आएगी और अदालतों में लंबित कई मुकदमों का निपटारा भी सरल होगा।

    इस कदम से किसे मिलेगा फायदा घर खरीदार और निवेशक

    रेरा के तहत फंसी परियोजनाएं और रियल एस्टेट कंपनियों की समस्याएं तेजी से सुलझ सकेंगी।बैंक और वित्तीय संस्थान - अब जब्त संपत्तियों को बेचकर कर्ज की वसूली की जा सकेगी। इससे दिवालिया प्रक्रिया के तहत चल रहे कई पुराने मामलों में तेजी आएगी।समग्र सिस्टम - अब दिवालिया प्रक्रिया की 180-330 दिनों की समयसीमा का पालन आसान होगा। कोर्ट में लंबित केस घटेंगे और आर्थिक अपराधों पर सख्ती भी बनी रहेगी।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)