Holi 2023 : होलिका दहन आज, इतने घंटे का मिलेगा समय, जानें पूजन विधि
Holika dahan 2023 Updates In Hindi: हिन्दू धर्म में कई प्रमुख व्रत एवं त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं, जिनमें होली पर्व का विशेष महत्व है। होली पर्व की शुरुआत वास्तव में होलिका दहन से होती है।

नई दिल्ली, जागरण डेस्क। Holika Dahan 2023 Ka Samay Today in Delhi: देशभर में होली की धूम शुरू हो गई। बता दें कि देश के कई हिस्सों में आज के दिन होलिका दहन का भव्य आयोजन किया जाएगा और अगले दिन रंगवाली होली खेली जाएगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार होली पर्व की शुरुआत फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से हो जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन पर्व को बुराई पर हुई अच्छाई की जीत के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है।
Holika dahan 2023 Updates
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने अमृतसर में खासा बीएसएफ मुख्यालय में होलिका दहन किया।
#WATCH | Punjab: Border Security Force (BSF) personnel perform Holika Dahan at Khasa BSF HQ in Amritsar. pic.twitter.com/mdp8orSPMn
— ANI (@ANI) March 7, 2023

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने आवास पर होली का त्योहार मनाया।
Delhi | Vice President Jagdeep Dhankhar celebrated Holi festival at his residence. pic.twitter.com/bEzYlaVVbk
— ANI (@ANI) March 7, 2023

होलिका की अग्नि को चिता के रूप में जलाया जाता है। इसलिए इस दिन नवविवाहित जोड़े होलिका दहन के दर्शन न करें। इससे वैवाहिक जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

वास्तु शास्त्र में धातु से बने कछुए को भी बहुत शुभ माना गया है। इसलिए होली के शुभ अवसर पर पंच धातु से बने कछुए को घर के उत्तर दिशा में स्थापित करें। इस बात का ध्यान रखें कि कछुए की पीठ पर श्री यंत्र या कुबेर यंत्र अवश्य बना हो।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे में अपने परिवार और समर्थकों के साथ होली खेली।
Maharashtra CM Eknath Shinde celebrates Holi with his family and supporters in Thane pic.twitter.com/Ul53pvUdQZ
— ANI (@ANI) March 7, 2023

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन के दिन भगवान विष्णु, भक्त प्रह्लाद और होलिका की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर विधि पूर्वक पूजा-पाठ करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं और साधकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। शास्त्रों में बताया गया है कि होलिका दहन के दिन किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे- गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन इत्यादि को नहीं करना चाहिए। इन पर अशुभ प्रभाव पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।

होली और होलिका दहन पर किए गए कुछ खास उपायों से गृहस्थ जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही इन उपायों का विधिपूर्वक पालन करने से आर्थिक क्षेत्र में लाभ मिलता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार हिंदू धर्म में अशोक और आम के पत्तों को बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए होली पर्व के दिन घर के मुख्य द्वार पर अशोक या आम के पत्तों का वंदनवार जरूर लगाएं।

मुंबई में मरीन ड्राइव पर लोगों ने जमकर मनाई होली।

होलिका दहन के लिए आज सिर्फ 02 घंटे 27 मिनट का ही समय मिलेगा।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जुहू में आयोजित होली समारोह में हिस्सा लिया।
जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने होली मनाई।
#WATCH | Border Security Force personnel celebrate Holi near the International Border in the RS Pura sector of Jammu pic.twitter.com/afJzTxRygV
— ANI (@ANI) March 7, 2023
राजस्थान के जयपुर में स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी होली का त्योहार मनाते हुए रंगों से खेलते हैं। कार्यक्रम का आयोजन राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने किया है।
#WATCH | Rajasthan: Foreign tourists, along with locals, play with colours in Jaipur as they celebrate the festival of #Holi. The event has been organised by the State Govts Tourism Dept. pic.twitter.com/fs3LLBZE1o
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 7, 2023
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने निर्वाचन क्षेत्र कोटा, राजस्थान में होली का त्योहार मनाया हैं। इस दौरान उन्होंने देशवासियों को होली की बधाई दी। उन्होंने कहा कि लोगों का प्यार हमेशा उनके साथ रहता है इसलिए वह हर त्यौहार को लोगों के बीच में मनाने की कोशिश करते हैं और जब भी समय मिलता है वह लोगों के बीच में पहुंचकर खुशियां बांटते हैं।
Holi 2023 Live Updates: राजस्थान के उदयपुर में विदेशियों ने स्थानीय लोगों के साथ होली मनाई।
Rajasthan | People celebrate the festival of colours, Holi, in Udaipur pic.twitter.com/iuuWhuvjuK
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 7, 2023
Holi 2023 Live Updates: जम्मू-कश्मीर में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों और महिला जवानों ने होली मनाई।
#WATCH जम्मू-कश्मीर: सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों और महिला जवानों ने होली मनाई।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 7, 2023
#Holi2023 pic.twitter.com/K07oWcBzea
उत्तराखंड के देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री निवास परिसर में आयोजित होली मिलन समारोह में भाग लिया।
#WATCH | Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami participates in Holi Milan function organized at the CM residence complex in Dehradun. pic.twitter.com/fWvwnh5dW1
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 7, 2023
पंजाब के अमृतसर के दुर्गियाना तीर्थ मंदिर में धूम-धाम से होली का जश्न मनाया जा रहा है।
होलिका के लिए मंत्र- ॐ होलिकायै नम:
परमभक्त प्रह्लाद के लिए मंत्र- ॐ प्रह्लादाय नम:
भगवान नरसिंह के लिए मंत्र- ॐ नृसिंहाय न
होलिका दहन में कुछ चीजें अर्पित कर रहे हैं, तो इस मंत्र को बोलना शुभ माना जाता है।
- फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 06 मार्च, सोमवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट से आरंभ होगा।
- फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि का समापन- 7 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर है।
- भद्रा- 6 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 7 मार्च को भद्रा सुबह 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त- 07 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
होली वसंत के मौसम में खेली जाती है, जो सर्दी के अंत और गृष्म ऋतू के बीच की अवधि होती है। ऐसे में पुराने समय में सर्दियों के दौरान लोग नियमित रूप से स्नान नहीं करते थे। जिसके कारण त्वचा रोग का खतरा बढ़ जाता था। इसलिए होलिका दहन के पीछे छिपा वैज्ञानिक कारण यह है कि इस पर्व के दौरान जलाई गई लकड़ियों से वातावरण में फैले हुए खतरनाक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं और होलिका की परिक्रमा करने से शरीर पर जमे हुए कीटाणु भी अलाव की गर्मी से मर जाते हैं। वहीं देश के कुछ हिस्सों में होलिका दहन के बाद लोग अपने माथे और शरीर पर होलिका की राख लगाते हैं, जिसे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है।
किवदंतियों के अनुसार पृथ्वी पर हिरण्यकशिपु नामक एक राजा शासन करता था, जो भगवान विष्णु का सबसे बड़ा शत्रु माना जाता था। उसने अपने राज्य में सभी को यह आदेश किया था कि कोई भी ईश्वर की पूजा नहीं करेगा। लेकिन उसका पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। जब हिरण्यकशिपु ने अपने पुत्र को भगवान की पूजा करते हुए देखा तो उससे सहा नहीं गया और अपने ही पुत्र को दंड देने की ठान ली। हिरण्यकशिपु ने प्रहलाद को कई बार कष्ट देना चाहा, लेकिन भगवान विष्णु ने हर समय प्रहलाद का साथ दिया।
होलिका दहन की पूजा में रोली, माला, अक्षत, गंध, पुष्प, धूप, गुड़, कच्चे सूत का धागा, बतासे, नारियल एवं पंच फल इत्यादि पूजा की सामग्री के रूप में एक थाली में रखे जाते हैं। इन सभी चीजों को होलिका दहन के समय होलिका के पास रखा जाता है। फिर श्रद्धा भाव से होलिका के चारों ओर 7 से 11 बार कच्चे सूत के धागे को लपेट दिया जाता है। होलिका दहन के बाद सभी सामग्रियों को एक-एक करके होलिका में आहुति दी जाती है और फिर जल से अर्घ्य प्रदान किया जाता है। इसके पश्चात होलिका दहन के बाद पंच फल और चीनी से बने खिलौने इत्यादी को आहूति के रूप में समर्पित करने का विधान है।