Hindi Diwas 2022: दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां बोली जाती है हिंदी, फिजी के साथ इस भाषा का है दिलचस्प नाता
हिंदी दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में यह भाषा बोली जाती है। चलिए जानते हैं भारत के अलावा और किन-किन देशों में हिंदी बोली जाती है।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। देश में आज हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर, 1949 को मिला और संविधान के भाग-17 में इससे संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रावधान किए गए। साल 1953 से राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा हर साल 14 सितंबर को 'हिंदी दिवस' का आयोजन किया जाता है। यह दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में यह भाषा बोली जाती है। चलिए जानते हैं भारत के अलावा और किन-किन देशों में हिंदी बोली जाती है।
नेपाल: अगर आप भारत के पड़ोसी देश नेपाल जाएंगे तो आपको इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि आपको कौन सी भाषा बोलनी होगी। भले ही नेपाल की आधिकारिक भाषा नेपाली है लेकिन वहां के लोग मैथिली,भोजपुरी और हिंदी बोलना भी जानते हैं।
फिजी द्वीप समूह: यह एक छोटा सा देश है, जहां उत्तर पूर्व भारत के लोग आकर बस गए। फिजी में कई लोग भोजपुरी, मगही और हिंदी बोलते हैं। सबसे बड़ी बात है कि फिजी ही भारत के अलावा एकमात्र देश है जहां की चार आधिकारिक भाषाओं में से एक हिंदी है।
बांग्लादेश: बांग्लादेश के लोग बांग्ला के अलावा हिंदी भी जानते हैं। भारत के पश्चिम बंगाल राज्य और बांग्लादेश की संस्कृति भी काफी मिलती-जुलती है।
पाकिस्तान: भले ही साल 1947 में भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो गया था लेकिन दोनों देशों के बीच कई सामानताएं अभी भी मौजूद हैं। पाकिस्तान में ज्यादातर लोग ऊर्दू बोलते हैं। बता दें कि ऊर्दू के कई लोग हिंदी की छोटी बहन भी कहते हैं। पाकिस्तान के अधिकांश लोग हिंदी समझते हैं और बोल भी सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका: दक्षिण अफ्रीका की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी और अफ्रीकन है। गौरतलब है कि इस देश के कई क्षेत्रों में हिंदी भी बोली जाती है।
त्रिनिदाद और टोबैगो: त्रिनिदाद और टोबेगो में अंग्रेजी के अलाव स्पेनिश, फ्रेंच, हिन्दी और भोजपुरी भी बोली जाती है।
वहीं भारत की बात करें तो साल 2011 में हुई आखिरी जनगणना के डेटा के अनुसार देश में 43.63 प्रतिशत आबादी की पहली भाषा हिंदी है। यह आंकड़ा करीब 11 साल पहले की है। तब देश में 125 करोड़ लोगों में से 53 करोड़ लोग अपनी मातृभाषा हिंदी ही मानते थे।

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