Rajasthan: गलत काम करने पर सरकारी कर्मचारियों को करनी होगी सफाई, राजस्थान में हाईकोर्ट ने तय की सजा
राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के गलत काम न्यायालय की अवमानना पांच हजार रुपये से कम चोरी सार्वजनिक दुर्व्यवहार मानहानि के मामलों एवं आत्महत्या के प्रयासों के लिए सजा तय कर दी गई है। कर्मचारियों को अब सार्वजनिक सरकारी एवं धर्मिक स्थलों अनाथालयों आश्रम स्थलों में साफ-सफाई की सजा काटनी पड़ सकती है। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय की सलाह के बाद 16 सजा तय कर अधिसूचना जारी की है।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के गलत काम, न्यायालय की अवमानना, पांच हजार रुपये से कम चोरी, सार्वजनिक दुर्व्यवहार, मानहानि के मामलों एवं आत्महत्या के प्रयासों के लिए सजा तय कर दी गई है।
इस तरह से काटनी होगी सजा
कर्मचारियों को अब सार्वजनिक, सरकारी एवं धर्मिक स्थलों, अनाथालयों, आश्रम स्थलों में साफ-सफाई की सजा काटनी पड़ सकती है। सजा में पेड़ लगाने, पौधों को पानी पिलाने जैसे काम भी शामिल हैं। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय की सलाह के बाद 16 सजा तय कर अधिसूचना जारी की है।
भारतीय न्याय संहिता में सामुदायिक सेवा के तहत सजा की अवधि एक से 31 दिन या फिर आठ से 244 घंटे की हो सकती है। यह निर्णय न्यायालय करेगा कि सजा कहां काटनी है।
यह सजा जेल के विकल्प के रूप में मिल सकती है
राज्य सरकार के गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सामुदायिक सेवा की सजा के तहत आरोपित कर्मचारी को समाज के फायदे के लिए बिना किसी वेतन के काम करना पड़ेगा। यह सजा जेल के विकल्प के रूप में या उसके अतिरिक्त दी जा सकती है।
इन जुर्म में होगी हल्की सजा
सामुदायिक सेवा में यातायात प्रबंधन एवं पुलिस थानों की सफाई वाचनालय या फिर अस्पताल की लेबोरेटरी की सफाई भी शामिल होगी। शराब पीकर उत्पात मचाने और सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति को 24 घंटे तक की साधारण कैद या फिर अधितम एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा होगी।
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