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    केरल में जीका के मामले बढ़कर 15 हुए, हाई अलर्ट जारी, कर्नाटक और मध्‍य प्रदेश में भी सतर्कता, विशेषज्ञों ने कही यह बात

    केरल में जीका वायरस के 14 मामले सामने आने पर राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वहीं कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस मच्छरजनित बीमारी पर नियंत्रण रखने के लिए तेजी से कदम उठाएं।

    By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sat, 10 Jul 2021 10:45 PM (IST)
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    केरल में जीका के 14 मामले सामने आने पर राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

    नई दिल्‍ली, एजेंसियां। केरल में जीका वायरस के संक्रमण का एक और मामला सामने आया है। इस तरह केरल में इस वायरस के कुल 15 मामले सामने आ चुके हैं। राज्‍य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि नंथनकोड निवासी 40 वर्षीय एक व्यक्ति में जीका संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं तिरुवनंतपुरम में अब तक इस वायरस के 14 मामले सामने आ चुके हैं। मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा है कि इस तरह की बीमारियों को रोकने के लिए जिला और राज्य स्तर की इकाइयों को मजबूत किया जाएगा।

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    केरल में जीका वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि स्थिति की बारीकी से नजर रखी जा रही है। वहीं कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस मच्छरजनित बीमारी पर नियंत्रण रखने के लिए तेजी से कदम उठाएं। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक केरल की सीमा से लगे दक्षिण कन्नड़, उडुपी, चामराजनगर जिलों में और अधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

    कर्नाटक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा आयुक्तालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पड़ोसी राज्य केरल में जीका के मामले सामने आने के बाद कर्नाटक में भी मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण के लिए तेजी से कदम उठाने की जरूरत है। यह मौसम एडीज मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल होता है। एडीज मच्छर डेंगू, चिकुनगुनिया और जीका वायरस के फैलने के लिए जिम्मेदार होता है।

    कर्नाटक सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड जांच के दौरान माइक्रोसेफली की मौजूदगी देखने पर ध्‍यान दिया जाना चाहिए। वहीं जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. मैथ्यू वर्गीस का कहना है कि जीका वायरस संपर्क या एरोसोल से नहीं फैलता है। यह मच्छरों द्वारा फैलता है। इसका अलग महामारी विज्ञान है। महामारी विज्ञानियों और केरल लोक स्वास्थ्य विभाग को कदम उठाने की जरूरत है। इसके लिए लोगों को अफरातफरी नहीं मचाना चाहिए।

    केरल में जीका वायरस की दस्तक के बाद मध्य प्रदेश में भी अलर्ट जारी हो गया। स्वास्थ्य संचालनालय में उप संचालक डॉ. हिमांशु जायसवाल ने सभी जिला प्रशासन को शुक्रवार को पत्र लिखकर जीका के खतरे से आगाह किया। इसमें कहा गया है जीका का संदिग्ध मरीज मिलने पर जांच कराने में देरी नहीं करें। साथ ही ऐसे मरीजों को आइसोलेशन में रहने की सलाह दें। केरल से आने वाले लोगों में इसके लक्षण दिखते हैं तो विशेष निगरानी रखी जाए।

    उल्‍लेखनीय है कि केरल में जीका वायरस की स्थिति पर नजर रखने और मामलों के प्रबंधन में राज्य सरकार की मदद करने के लिए विशेषज्ञों का छह सदस्यीय केंद्रीय दल रवाना किया गया है। जीका के लक्षण डेंगू की तरह ही होते हैं जिनमें बुखार, त्वचा पर चकत्ते और जोड़ों में दर्द होना शामिल है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज का कहना है कि जीका संक्रमण की रोक-थाम के लिए एक्‍शन प्‍लान तैयार किया गया है। गर्भवती महिलाओं को बुखार होने पर उनकी जांच कराई जानी चाहिए। सभी 13 संक्रमित तिरुवनंतपुरम के निजी अस्पताल में काम करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं।