Move to Jagran APP

यहां बेटियों के नाम से होती है घरों की पहचान, लगी सैकड़ों नेम प्लेट

बैतूल के खंडारा गांव के बाद अब जिले के हर गांव और शहर के लोग भी जुड़ रहे एक अनोखी मुहिम से

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 08:54 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 08:55 AM (IST)
यहां बेटियों के नाम से होती है घरों की पहचान, लगी सैकड़ों नेम प्लेट
यहां बेटियों के नाम से होती है घरों की पहचान, लगी सैकड़ों नेम प्लेट

बैतूल [विनय वर्मा]। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले का खंडारा गांव, यहां हर घर पर न केवल नामपट्टिकाएं लगी हैं, बल्कि इन पर घर की बेटियों का नाम शोभायमान है। इस गांव से शुरू हुई यह मुहिम अब जिले के हर गांव और शहर में फैल चुकी है। जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर खंडारा गांव से शुरू हुआ यह अभियान अब अन्य गांवों से होता हुआ शहर तक आ पहुंचा है। बड़ी संख्या में लोग अपनी बेटियों के नाम पर नेम प्लेट लगा रहे हैं।

prime article banner

बैतूल शहर के भगतसिंह वार्ड में रहने वाले अखिलेश ठाकुर के मकान में अब उनकी बेटी लहक व लक्ष्मी की नेम प्लेट (नामपट्टिका) लगी हुई है, वहीं पटेल वार्ड निवासी राजेश चौकीकर ने भी अपने नाम की नेम प्लेट हटाकर अपनी बेटियों वैष्णवी एवं समीक्षा की नेम प्लेट घर लगा दी है। दरअसल ऐसा उन्होंने बेटियों को सम्मान और पहचान देने के एक अभियान के तहत किया है।

खंडारा गांव से स्वयंसेवी अनिल यादव ने इस मुहिम की शुरुआत की थी। उन्होंने ‘डिजिटल इंडिया विद लाडो’ अभियान के तहत लोगों को उनकी बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगाने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू किया। कुछ लोगों को बेटियों के नाम की नेम प्लेट बना कर भी दी। खंडारा गांव में इस समय 200 घरों में से 155 घरों में बेटियां हैं। इन सभी घरों में बेटियों के नाम की प्लेट लगाई जा चुकी है। इन घरों की पहचान अब घर के मुखिया के नाम से नहीं, बल्कि बेटियों के नाम से होती है।

इस सकारात्मक पहल से गांव में एक बड़ा बदलाव यह हुआ कि अब बेटियों को केवल अपने परिवार में ही नहीं बल्कि पूरे गांव में एक जैसा मान-सम्मान मिलता है। यही नहीं, इस अभियान से प्रभावित होकर विधायक ने एक सरकारी भवन का नाम भी किसी प्रतिभाशाली बेटी के नाम पर रखने की घोषणा की।

अनिल यादव बताते हैं कि उनके घर जब बेटी ने जन्म लिया तो बेहद खुशी हुई और तभी लगा कि बेटी के सम्मान के लिए कुछ करना चाहिए। उसी के बाद से वे खुद के खर्च पर बेटियों को नेम प्लेट का तोहफा देते आ रहे हैं। इससे समाज में न केवल एक सकारात्मक बदलाव आया है, बल्कि खंडारा गांव की तो पहचान ही अब बेटियों के नाम से हो गई है।

यहां पापा नहीं, बेटी के नाम पर हर घर की नेम प्लेट
बालोद जिले के आधा दर्जन से भी अधिक गांवों में अब बेटियां के नाम से घर की पहचान हो रही है। घर के बाहर पालक या मुखिया की नहीं, बेटी के नाम की तख्ती (नेम प्लेट) लगी है। जिले के भरदाकला गांव से बेटी को पहचान दिलाने की यह मुहिम शुरू हुई और हर ब्लॉक के शासकीय कन्या स्कूलों के माध्यम से कई गांव में फैल गई। अब तक आधा दर्जन से भी अधिक गांव में पांच सौ घरों में बेटियों के नाम की तख्ती लग गई है।

बेटियों के पालकों को इसके लिए जागरूक करने बालोद कलेक्टर द्वारा सामाजिक संस्था के माध्यम से प्रेरणा उड़ान एक नई सोच अभियान चलाया जा रहा है। बेटियों को शिक्षा ही नहीं, हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने, उन्हें प्रोत्साहित करने की मंशा से बालोद में पखवाड़े भर पहले प्रेरणा अभियान की शुरुआत भरदाकला से की गई।

इन गांवों में चल रहा अभियान
भरदाकला, डौंडी, कांदुल, दल्लीराजहरा सहित आसपास के गांवों में चल रहे इस अभियान के बाद बेटियों के साथ उनके परिजन भी उत्साहित हैं। बेटियों के घरों के सामने उनकी नेम प्लेट लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। अब तक 500 से अधिक घरों के सामने बेटियों के नाम की नेम प्लेट लग चुकी है।

अभियान में यह भी
प्रेरणा अभियान के तहत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम कांदुल स्कूल में हुआ। कलेक्टर राजेश सिंह राणा ने छात्राओं को उनके कॅरियर के लिए मार्गदर्शन दिया। इसमें सीईओ पद्मनी साहू भी मौजूद रहीं। विवेकानंद स्कूल डौंडी में आयोजन के बाद छात्राओं ने नेम प्लेट अपने घर के बाहर लगवाए। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.