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    जानिए उन 5 कारणों को जिनकी वजह से राष्ट्रपति पद का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं डोनाल्‍ड ट्रंप

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Wed, 18 Nov 2020 07:26 AM (IST)

    हार के बाद डोनाल्‍ड ट्रंप राष्‍ट्रपति पद का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। इसको लेकर वो नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति पर तरह तरह के आरोप भी लगा रहे हैं। लेकिन पांच ऐसे खास कारण हैं जो उनके इस मोह के पीछे छिपे हैं।

    राष्‍ट्रपति पद का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं ट्रंप

    नई दिल्‍ली (जेएनएन)। डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बाइडन से चुनाव हारने के बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हर हाल में कुर्सी बचाए रखने की कोशिश में लगे हुए हैं। गत दिवस ट्वीट करके ट्रंप ने कहा कि बाइडन ने धांधली के दम पर जीत हासिल की है। हालांकि, कुछ ही समय बाद वह दूसरा ट्वीट करके अपनी ही बातों से पलट जाते हैं। जानकारों का मानना है कि राष्ट्रपति पद से हटने के बाद ट्रंप को कई कानूनी कार्यवाहियों और आर्थिक विवादों का सामना करना पड़ सकता है, जिनसे फिलहाल वे बचे हुए हैं।

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    कोर्ट के लगाने पड़ेंगे चक्कर

    राष्ट्रपति रहते हुए ट्रंप पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। हालांकि, उन्होंने यह कहते हुए कार्रवाई नहीं होने दी कि मौजूदा राष्ट्रपति पर आपराधिक वाद नहीं चल सकता। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद उन पर पैसा दबाने से लेकर पॉर्न स्टार मामले तक में कार्रवाई हो सकती है। उन पर फर्जीवाड़ा के जरिये अपनी संपत्ति की कीमतों को बढ़ाने, ऋण हासिल करने व टैक्स बचाने के आरोप हैं। इसके अलावा दो महिलाओं ने यौन हिंसा का आरोप लगाते हुए उन पर मानहानि के मुकदमे भी दर्ज कराए हैं। उनकी रिश्तेदार मैरी ट्रंप ने पारिवारिक कारोबार में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। ट्रंप पर दफ्तर का इस्तेमाल करते हुए विदेशी और स्वदेशी अधिकारियों को अपने होटल में ठहराने का आरोप है, जिसके एवज में छह लाख डॉलर यानी करीब 446 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इनके अलावा ऐसे कई मामले और भी हैं, उनके कारण ट्रंप को कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।

    धन की पड़ेगी जरूरत

    न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, ट्रंप का निजी कर्ज 40 करोड़ डॉलर यानी करीब 2,980 करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है। वह घाटे में चल रहे अपने कारोबार को दिवालिया होने से बचाने की स्थिति में नहीं दिखाई देते। राष्ट्रपति रहते हुए वे उचित विदेश नीतियों की मदद से दुनियाभर से खुद के और परिवार के नाम पर धन जुटा सकते हैं। आरोप तो यहां तक है कि वह चुनाव परिणामों के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए भी अपने समर्थकों से धन इकट्ठा कर रहे हैं।

    सार्वजनिक हो जाएगा टैक्स रिटर्न

    जानकारों का कहना है कि न्याय विभाग की मदद से ट्रंप अपने टैक्स रिटर्न को सार्वजनिक होने से रोकते हैं। लेकिन, जब वे राष्ट्रपति नहीं रहेंगे तब टैक्स रिटर्न को सार्वजनिक होने से नहीं रोक पाएंगे। बताना होगा कि किस विदेशी कंपनी से उन्होंने किस प्रकार और कितना धन हासिल किया है।

    उपेक्षा का भय

    ट्रंप के करीबी माने जाने वाले फॉक्स न्यूज ने भी उनके साथ धोखा किया। मीडिया हाउस ने सबसे पहले एरिजोना में बाइडन की जीत की घोषणा की। अन्य मीडिया घरानों की तरह उसने भी जो बाइडन की जीत को मान्यता दे दी। यानी ट्रंप की उपेक्षा शुरू हो चुकी है। वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, ट्रंप को ट्विटर पर 8.8 करोड़, फेसबुक पर 3.1 करोड़ व इंस्टाग्राम पर 2.3 करोड़ लोग फॉलो करते हैं। उन्हें 2.3 करोड़ मत भी मिले हैं, लेकिन राष्ट्रपति पद से हटने के बाद इन सबके बरकरार रहने की गुंजाइश कम ही रहेगी।

    नहीं लगने देना चाहते लूजर का टैग

    ट्रंप अभी तक विजेता के रूप में रहे हैं। अब उनके लिए किसी भी प्रकार का नुकसान कष्टदायी होगा।उनके पिता फ्रेडप भी विफलता बर्दाश्त नहीं कर पाते थे। उनकी रिश्तेदार मैरी ट्रंप अपनी बेस्ट सेलर किताब में बताती हैं कि ट्रंप परिवार विफलता से कितना घबराता है।

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