किडनी को स्वस्थ बनाने में आयुर्वेदिक दवा Neeri KFT सक्षम, जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के शोध में किया गया दावा
किडनी की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली आयुर्वेदिक दवा नीरी केएफटी मानव जीन के व्यवहार एवं प्रभाव को नियंत्रित कर किडनी की बीमारियों को ठीक ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। किडनी की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली आयुर्वेदिक दवा नीरी केएफटी मानव जीन के व्यवहार एवं प्रभाव को नियंत्रित कर किडनी की बीमारियों को ठीक करती है। विश्व किडनी दिवस (नौ मार्च) से पहले बायोमेडिसिन मेडिकल जर्नल में प्रकाशित ताजा अध्ययन में यह दावा किया गया है।
जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के सेंटर फार एक्सीलेंस में किया गया अध्ययन
यह अध्ययन नई दिल्ली स्थित जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के सेंटर फार एक्सीलेंस में किया गया है। इसके अनुसार छह जीन के व्यवहार में परिवर्तन से किडनी की कई बीमारियां होती हैं और जीन के इसी व्यवहार परिवर्तन को नियंत्रित करने में नीरी केएफटी दवा असरदार है। शोध के मुताबिक, नीरी केएफटी बनाने में पुनर्नवा, गोखरू, वरुण, कासनी, मकोय, पलाश व गिलोय समेत 19 जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया है।
मानव शरीर में छह जीन किडनी की क्रियाविधि के नियंत्रण के लिए जिम्मेदार
अध्ययन के मुताबिक, मानव शरीर में छह जीन सीएएसपी, आइइएल, एकेटी, एसीई-2, एजीटीआर-1 और एसओडी-1 किडनी की क्रियाविधि के नियंत्रण के लिए जिम्मेदार हैं। आसान शब्दों में कहें तो इन छह जीन से संबंधित प्रोटीन की किडनी को ठीक रखने में अहम भूमिका होती है। इनमें कोई भी परिवर्तन से किडनी की बीमारी होती है।
किडनी की बीमार कोशिकाओं को स्वस्थ होने में मिली मदद
तीन स्तरों इनसिलिको यानी कंप्यूटर, इन विट्रो यानी प्रयोगशाला में कोशिकाओं पर और इन विवो यानी प्रयोगशाला में चूहों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि आयुर्वेदिक दवा नीरी केएफटी इन सभी जीन में प्रोटीन को सही बैलेंस में बनाने में सफल रही। जाहिर है इससे किडनी की बीमार कोशिकाओं को स्वस्थ होने में मदद मिली। इसके अलावा यह किडनी उपचार के दौरान इस्तेमाल सिस्प्लैटिन दवा के दुष्प्रभावों को कम करने में सफल रही।

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